प्रयागराज। आबकारी आयुक्त पूरी तरह मनमानी और अराजकता पर उतर आए हैं। फर्जी मानव पोर्टल बनाकर ट्रांसफर पोस्टिंग कर चर्चा में आए कमिश्नर पांडियन सी का एक और कारनामा सामने आया है। तमाम घपनों और घोटालों के लिए जिम्मेदार एडिशनल कमिश्नर लाइसेंस हरिश्चंद्र श्रीवास्तव को शराब माफियाओं के पक्ष में नीति तैयार करने के लिए कमिश्नर सेंथिल पांडियन ने एडिशनल कमिश्नर का चार्ज दे दिया है जबकि नियमानुसार अपर आयुक्त प्रशासन के पद पर किसी भी नियुक्ति के लिए शासन के स्तर से मंजूरी लेनी चाहिए लेकिन नियम कानून की ऐसी तैसी करने वाले कमिश्नर को शासन की कोई परवाह नहीं है। उनके द्वारा एडिशनल कमिश्नर के रूप में उसे दागी हरिश्चंद्र को चार्ज दिया गया है जिस पर विभाग का फर्जी पोर्टल चला कर सरकार को हजारों करोड़ों का राजस्व छठ पहुंचने का प्रामाणिक और गंभीर आरोप है।
एक माह से भी काम सेवाकाल फिर भी दिया गया महत्वपूर्ण दायित्व
सेंथिल पांडियन के उत्तर प्रदेश के महा भ्रष्ट आईएएस अफसर में शामिल है। शराब माफिया के साथ गठबंधन के चलते पूरे उत्तर प्रदेश में बदनामी के बावजूद अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा। मैटर जैसे फर्जी पोर्टल चला कर शराब माफिया को हजारों करोड़ का फायदा पहुंचाने वाले हरिश्चंद्र श्रीवास्तव को एडिशनल कमिश्नर प्रशासन का चार्ज देकर सेंथिल पांडियन सी ने साबित किया कि वह अपने आका शराब माफियाओं के हित में किसी भी नीचे तक गिर सकता है।
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