प्रयागराज। राजस्थानीय मंडी परिषद में तैनात एक लिपिक मनजीत सिंह की डायरी में 10 करोड रुपए से अधिक की कमीशन खोरी का खुलासा हो गया है इसके बाद उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार का एक नया रंग रूप सामने आया है।
बाबू मंजीत सिंह ने अपनी डायरी में जिन अधिकारियों को कमीशन दिया है उसका विस्तृत विवरण रखा है। इतना ही नहीं अपनी डायरी को नोटरी से अटेस्ट भी करवा लिया है। इस डायरी में करीब 13 करोड रुपए की कमीशन खोरी का खुलासा हुआ है। उत्तर प्रदेश में कमीशन खोरी कितना खुले आम है इसका खुलासा करते हुए निलंबित बाबू मंजीत सिंह ने बताया कि कई अधिकारियों ने अपने बीवी और बच्चों के खाते में भी पैसा ट्रांसफर करवाया है।
फिलहाल इस खुलासा के बाद भ्रष्टाचार को लेकर योगी सरकार के जीरो टॉलरेंस पर गंभीर सवाल खड़ा हो गया है।
कैसे हुआ खुलासा:
बताया जा रहा है कि प्रयागराज में तैनात रहे डीडीसी रविंद्र सिंह के कार्यकाल में मंडी परिषद ने एक सड़क बनाई और यह सड़क कुछ ही दिनों में उखड़ गई जिसकी शिकायत शासन में हुई और कार्रवाई से बचने के लिए रविंद्र सिंह ने मंजीत सिंह को सड़क की रिपेयर करने के लिए कहा। मनजीत सिंह ने एक ठेकेदार से कहकर सड़क की मरम्मत करवा दी जिससे रविंद्र सिंह पर कार्रवाई नहीं हुई। बाद में मनजीत सिंह ने सड़क की मरम्मत का 2 करोड रुपए का भारी भरकम बिल रविंद्र सिंह को भेजो और भुगतान करने का दबाव बना दिया इसके बाद रविंद्र सिंह ने मनजीत से एक फर्म का नाम मांगा जिस पर सरकारी भुगतान हो सके। मनजीत सिंह ने अपनी पत्नी के नाम पर चलने वाले फर्म का अकाउंट नंबर भेजो जिस पर 2 करोड रुपए से ज्यादा का भुगतान कर दिया गया। ऑडिट में यह मामला पकड़ लिया गया इसके बाद ही मंडी परिषद के पूरी कमीशन खोरी का कच्चा चिट्ठा सामने आ गया।
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