
लखनऊ। मिशन 2022 की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटी भाजपा को निषाद पार्टी ने झटका देते हुए साफ कहा है कि अगर उसे आरक्षण नहीं मिला तो भाजपा को वोट नहीं मिलेगा।
संजय निषाद के इस बयान ने भाजपा की चुनौतियों को बहा दिया है। भाजपा यह मान कर चल रही थी कि डॉक्टर संजय निषाद को एमएलसी बनाने के बाद उनकी नाराजगी दूर हो गई है लेकिन डॉक्टर संजय निषाद के बदले रुख ने भाजपा की चुनौती और मुश्किलों में इजाफा कर दिया है। भाजपा नेताओं को लगता है कि अगर डॉक्टर संजय निषाद की मांगे मानी गई तो इसी तरह की मांग अनुप्रिया पटेल की ओर से आ सकती है जबकि सीट बंटवारे में भी दिक्कत हो रही है।
क्यों बदले संजय निषाद के सुर:
जानकारों का मानना है कि निषादों का रुझान तेजी के साथ मुकेश साहनी के नेतृत्व वाली विकासशील इंसान पार्टी की और बढ़ रहा है जिससे संजय निषाद को अपनी राजनीतिक जमीन से सख्ती दिखाई दे रही है। इस बीच ओमप्रकाश राजभर जैसे कद्दावर नेता के सपा के साथ जाने के बाद पूर्वांचल में भाजपा जमीन पर कमजोर नजर आने लगी है इसका दबाव भी संजय निषाद पर है इसलिए मौका देखकर उन्होंने यह आरक्षण वाली चाल चली है। देखना है भाजपा उनके इस पैंतरे के आगे कितना झुकती है
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