
प्रतापगढ़। सदर विधानसभा में वोटों की जंग जारी है ऐसे में प्रत्याशी अपने मतों का हिसाब किताब लगाने में व्यस्त हैं। लगभग 3 लाख मतदाताओं वाले सदर विधानसभा में पिछली बार भारतीय जनता पार्टी अपना दल गठबंधन से राजकुमार पाल निर्वाचित हुए थे लेकिन इस बार उन्हें गठबंधन से टिकट नहीं दिया गया और उनकी जगह व्यवसाई राजेंद्र मौर्य को भाजपा ने चुनाव मैदान में उतारा है। राजेंद्र मौर्य के सामने पिछली बार भारतीय जनता पार्टी अपना दल गठबंधन को मिले मतों को सहेजने की चुनौती है।
अपना दल बीजेपी गठबंधन को पिछली बार 62000 वोट प्राप्त हुए थे जबकि दूसरे नंबर पर रही समाजवादी पार्टी को 45 हजार के करीब वोट मिला था।
भाजपा से हटने वाले वोटों की गणना
पाल – 3000
पटेल- 12000
पंडित – तकरीबन 15000
B.Ed टीईटी शिक्षामित्र और नाराज किसानों की संख्या – 7000
अगर उपर्युक्त आंकड़ों पर नजर डालें तो तकरीबन 37000 वोट पिछली बार मिले मतों में कम हो सकते हैं अगर यह अंदेशा सही साबित हुआ तो अब तक भाजपा के पास केवल 25000 वोट बचे हैं जिससे बेड़ा पार होना संभव नहीं है। खतरा यह है कि घटने वाला वोट अगर एक ही दल के पास चला गया तो चुनावी संभावनाएं समाप्त हो जाएंगी।
फिलहाल विपक्ष की गणित भी इसी नाराज वोटों पर टिकी हुई है।
More Stories
प्रतापगढ़: सीडीओ कार्यालय में धूल फांक रही फाइलें: नमामि गंगे परियोजना की बेल्हा में प्रगति शून्य
सीडीओ स्तर पर लंबित है करोड़ों रुपए का मांग पत्र: एनआरएलएम की गतिविधियां प्रभावित:
बजट में शिक्षामित्रों के समायोजन या नई नौकरियों पर पूरी तरह ख़ामोशी: