
लखनऊ। फुटकर और थोक लाइसेंसी द्वारा लगातार लॉटरी के जरिए दुकान ऑन के आवंटन की मांग को दरकिनार करते हुए कमिश्नर सेंथिल पांडियन सी शराब माफिया के हित में लॉटरी रोकने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस संबंध में उनकी वेव ग्रुप और रेडिको से डील हो गई है और आने वाली आबकारी नीति में वेव ग्रुप और रेडी को ग्रुप के हित में लॉटरी के जरिए थोक और फुटकर की दुकान आवंटित करने की प्रक्रिया को निरस्त किया जा सकता है। माना जा रहा है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दो तिहाई से अधिक थोक और फुटकर की दुकान वेव ग्रुप के हैं जबकि रेडी को ग्रुप भी इसी राह पर है और वह भी कंट्री लेकर में अधिकांश थोक दुकान अपने कब्जे में चाहता है इसके लिए कमिश्नर को साधने की पूरी कोशिश की जा रही है।
लॉटरी से दुकान आवंटित न होने से आबकारी विभाग को हजारों करोड़ का नुकसान
जानकारों का मानना है कि लॉटरी सिस्टम के जरिए थोक और फुटकर की दुकान आवंटित नहीं करने से आबकारी विभाग को बहुत बड़े राजस्व नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। माना जा रहा है कि यदि लॉटरी के जरिए थोक और फुटकर की दुकानें आवंटित की जाए तो जहां एक और शराब माफिया की कमर टूटेगी वहीं आबकारी विभाग को कम से कम 20000 करोड रुपए अतिरिक्त राजस्व में आ सकते हैं।
वेव ग्रुप नहीं चाहता लॉटरी सिस्टम से हो आवंटन
शराब माफिया रहे पोंटी चड्ढा की कंपनी वेव ग्रुप जिसकी मेरठ मुरादाबाद सहारनपुर आगरा जोन में अधिकांश थोक और फुटकर की दुकानें संचालित है वह लॉटरी सिस्टम का प्रबल विरोधी रहा है क्योंकि ऐसा होने पर बहुत सी दुकान उसके हाथ से निकल सकती हैं। थोक और फुटकर में अपना दबदबा बनाए रखने के लिए उसने कमिश्नर को अपना मुरीद बना रखा है और बताया जा रहा है कि बहुत बड़ी डील के तहत कमिश्नर उसके हित का ख्याल रखते हुए प्रदेश में थोक और फुटकर की दुकानों के लॉटरी के जरिए आवंटन को रोक कर रखा है।
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