लालगंज, प्रतापगढ़। पड़ोसी जिले रायबरेली में एम्स के पूरी क्षमता के साथ अभी तक संचालित न हो सकने को लेकर संसद में फिर जोरदार आवाज उठी है। राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने विशेष उल्लेख के तहत रायबरेली के दरियापुर में बनने वाले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के दस साल का समय बीत जाने के बावजूद पूरी क्षमता के साथ जनता की सेवा न कर पाने को अत्यन्त चिन्ताजनक कहा है। उन्होने कहा कि दस वर्ष पूर्व रायबरेली में एम्स की स्थापना के जरिए प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, अमेठी तथा रायबरेली के साथ बिहार, मध्यप्रदेश के कई अंचलों एवं प्रदेश के पूर्वांचल के लगभग चालीस जिलों की जनता को आधुनिक एवं बेहतर चिकित्सा सुविधा की उपलब्धता की आस जगी थी। विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि अंचल के एक मात्र महत्वपूर्ण चिकित्सा संस्थान के रूप में एम्स में अभी तक पर्याप्त चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध न हो पाने से गरीब तबके को उपचार के लिए कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। उन्होनें यह भी कहा कि चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में भी सरकार इस एम्स को पूरी क्षमता से इसलिए संचालित नही करा पा रही है क्योंकि गांधी परिवार से व्यक्तिगत ईर्ष्या एवं द्वेष सेवा क्षेत्र में भी आड़े आ रहा है। उन्होने बतौर उदाहरण सदन को बताया कि रायबरेली एम्स की स्थापना के समय के साथ अन्य जिन एम्स की आधारशिला रखी गयी थी वह पूरी तरह से जनता को समर्पित हो गये हैं। उन्होनें संसद में इस बात पर जोर दिया कि रायबरेली के एम्स को पूरी क्षमता के साथ संचालित न कर जनता के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि एक तरफ सरकार जनता को बेहतर चिकित्सा सुविधा की उपलब्धता को लेकर बड़े बड़े खोखले दावे करती है। वहीं दूसरी तरफ सरकार इतने बड़े आयुर्विज्ञान संस्थान को अब तक क्षमता के साथ जनता को समर्पित न कर विश्वासघात एवं जरूरतमंद के जीवन को खतरे में डाल रही है। उन्होनें सदन में जोर देते हुए यह महत्वपूर्ण सवाल उठाते हुए सरकार से करोड़ो जनता को बेहतर और अच्छी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता पर रायबरेली एम्स को अतिशीघ्र पूरी क्षमता के साथ संचालित कराये जाने को कहा है। राज्यसभा में एम्स को लेकर विपक्ष के उपनेता की ओर से विशेष उल्लेख की जानकारी मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल ने दी है।
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