
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शाहजहांपुर की अपनी रैली में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को यूपी के लिए उपयोगी बताकर इस कुर्सी पर आने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे केशव प्रसाद मौर्य के सभी इरादों पर पानी फेर दिया
प्रधानमंत्री के बयान का निहितार्थ निकाला जाए तो यही निकल कर सामने आ रहा है कि आने वाले समय में भी केशव प्रसाद मौर्य स्टूल मंत्री यानी महत्वहीन बने रहेंगे।
प्रधानमंत्री पिछड़ों में केशव प्रसाद मौर्य को नेता बनाने के पक्ष में नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केशव प्रसाद मौर्य की महत्वाकांक्षा को देखते हुए अब उन्हें सबक सिखाने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी पिछड़ों में स्वयं बड़ा चेहरा बनने की कोशिश कर रहे हैं ऐसे में केशव प्रसाद मौर्य की जरूरत ही क्या है।
अभी तक केशव प्रसाद मौर्य अपने समर्थकों को यह कहकर सांत्वना दे रहे थे की प्रधानमंत्री हमारे पक्ष में है और समय आने पर यूपी की सबसे बड़ी कुर्सी हमें मिलेगी लेकिन शाहजहांपुर की रैली में प्रधानमंत्री ने जिस तरह योगी आदित्यनाथ की तारीफ की और उन्हें उत्तर प्रदेश के लिए उपयोगी बताया उससे यह साफ हो गया है कि आने वाले सालों में या कई सालों तक केशव प्रसाद मौर्य की तरक्की होने वाली नहीं है।
आईबी की फीडबैक के बाद बदले प्रधानमंत्री के सुर
दरअसल आईबी ने योगी आदित्यनाथ को केशव प्रसाद मौर्य के मुकाबले उत्तर प्रदेश में ज्यादा लोकप्रिय बताया बस इसी के बाद केशव प्रसाद मौर्य की अनदेखी शुरू हो गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2022 से ज्यादा 2024 की चिंता है उन्हें लगता है कि बागी होकर योगी आदित्यनाथ उन्हें बहुत बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं जिसकी भरपाई संभव नहीं है जबकि केशव प्रसाद मौर्य सीमित क्षति पहुंचा सकते हैं। पूरी गुणा गणित के बाद दिल्ली दरबार योगी आदित्यनाथ के समर्थन में खुलकर आ गया है।
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