लखनऊ। आबकारी आयुक्त प्रदेश के भ्रष्टतम आईएएस अधिकारी बन गए हैं। पहले इन्होंने फर्जीवाडा करके शासन की आंख में धूल डालते हुए नियमों के विपरीत ऑफलाइन ट्रांसफर किए और करोड़ों की वसूली की वहीं अब सुनने में आया है कि चुनाव आयोग के आदेश पर ट्रांसफर हुए अधिकारियों को रिलीव करने के लिए भी तगड़ी वसूली का मन बना लिया है। एक तरफ जहां प्रदेश भर के सभी विभागों के स्थानांतरित अधिकारी और कर्मचारी अपनी नवीन पोस्टिंग के लिए रिलीव हो गए हैं। वही स्वत कार्य मुक्ति के आदेश के बावजूद कमिश्नर किसी भी अधिकारी और कर्मचारी को रिलीव नहीं होने दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि उन्होंने रिलीविंग के लिए आबकारी विभाग में अवैध रूप से फर्जी जॉइंट डायरेक्टर के रूप में कार्यरत डॉक्टर जोगिंदर सिंह को अधिकृत कर दिया है। जोगिंदर सिंह ने स्थानांतरित अधिकारियों और आबकारी निरीक्षकों से कहा है कि यदि सकुशल रिलीव होना चाहते हैं तो कमिश्नर को संतुष्ट करना पड़ेगा। जोगिंदर सिंह की इस धमकी और वसूली के मंसूबे के बाद स्थानांतरित हुए विभाग के जिला आबकारी अधिकारियों आबकारी निरीक्षकों और सहायक आबकारी आयुक्तों में खासी बेचैनी देखी जा रही है।
स्वत: कार्य मुक्त होने के बाद अवैध रूप से कार्यरत है जिला कार्य अधिकारी सहायक आबकारी आयुक्त और आबकारी निरीक्षक
मानव संपदा पोर्टल पर ट्रांसफर आदेश में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि स्थानांतरित अधिकारी और आबकारी निरीक्षक तत्काल प्रभाव से स्वत: कार्य मुक्त हो गए हैं फिर उनके रिलीविंग आदेश बनाने में विलंब क्यों हो रहे हैं और रिलीविंग आदेश को 13 फरवरी तक के लिए क्यों टाल दिया गया है यह अपने आप में एक गंभीर सवाल है जिसका जवाब आपकारी आयुक्त और उनके लुटेरे सहयोगी के पास नहीं है।
कमिश्नर के हाउसकीपर इंद्रजीत गर्ग को किया गया रिलीव
इस बीच खबर यह आ रही है कि कमिश्नर के घर में खाने पीने और अन्य जरूरत का सामान आपूर्ति करने वाले इंस्पेक्टर इंद्रजीत गर्ग को नई जॉइनिंग के लिए रिलीफ कर दिया गया है और उन्होंने आगरा में अपनी सर्कल में तैनाती पाली है बाकी इंस्पेक्टर्स और जिला आबकारी अधिकारियों सहायक आबकारी आयुक्त को रिलीव होने और नई जॉइनिंग से मौखिक रूप से रोक दिया गया है।
10 फरवरी तक लागू हो सकती है चुनाव आचार संहिता
फर्जी जॉइंट डायरेक्टर डॉक्टर जोगिंदर ने सबको 13 फरवरी तक रिलीव ना करने और ज्वाइन ना करने का आदेश कमिश्नर के हवाले से सुना दिया है लेकिन इसके पीछे एक बड़ी साजिश कम कर रही है। सबसे बड़ी साजिश या है कि 10 फरवरी तक आचार संहिता लागू हो जाएगी ऐसे में जो भी अधिकारी और आबकारी निरीक्षक रिलीव होकर ज्वाइन नहीं कर पाएंगे वह सब लटक जाएंगे। हड़बड़ी मचेगी तनाव फैलेगा तो लोग जोगिंदर को मुंह मांगी कीमत देने के लिए मजबूर हो जाएंगे और इस तरह कमिश्नर और जोगिंदर मालामाल हो जाएंगे।
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