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एक हजार से ज्यादा लाइसेंसी पहुंचे हाईकोर्ट:      मुश्किल में आबकारी विभाग:

लखनऊ। आबकारी विभाग लॉटरी प्रक्रिया को लेकर अब मुश्किल में फसता हुआ नजर आ रहा है। 15 मार्च को हाई कोर्ट में आबकारी विभाग को यह जवाब देना है कि 2018 से 2024 तक नवीनीकरण किस नियम और भीम के तहत होता रहा और एकदम से लॉटरी प्रक्रिया लाने से पहले उसके प्रावधानों का गजट क्यों नहीं किया गया। लॉटरी आने से पहले उसके कुछ प्रावधानों का गजट करना जरूरी होता है और उस गजट पर आपत्तियां आती है जिसका निस्तारण करने के बाद ही पॉलिसी आती है लेकिन इस बार इन नियमों का पालन नहीं किया गया है जिसके चलते आबकारी विभाग को कोर्ट में जवाब देते नहीं बन रहा है। सूत्रों का कहना है कि अब आबकारी विभाग हडबड़ी में गजट करने की तैयारी कर रहा है। इसको लेकर कल आबकारी मुख्यालय में कुछ  दागी अधिकारी अब माथा पच्ची कर रहे है यह वही अधिकारी हैं जिन्हें नियमों के विपरीत सेवा विस्तार दिया गया है। पता चला है कि पूर्व जॉइंट एक्साइज कमिश्नर गिरीश चंद्र मिश्रा विभाग में फर्जी पोर्टल चला कर अरबो रुपए का वारा न्यारा करने वाले जो इस समय ठेके पर काम कर रहे हैं उन्हें ही आबकारी पॉलिसी बनाने की भी जिम्मेदारी दी गई थी और इन्हीं लोगों की करतूत के चलते आज आबकारी विभाग की फजीहत हो रही है। अब सुनने में आ रहा है कि अब जबकि अगले 48 घंटे में लॉटरी खुलने वाली है विभाग अब  गजट प्रकाशित करने पर विचार कर रहा है। इस बीच खबर मिली है कि करीब 1000 से ज्यादा लाइसेंसी इलाहाबाद और लखनऊ हाई कोर्ट पहुंच गए हैं। ऐसा पहली बार हुआ है जब आबकारी नीतियों में खामियों को लेकर इतनी बड़ी संख्या में लाइसेंसी कोर्ट पहुंचे हैं। कोर्ट के रुख को देखते हुए आबकारी महकमा दहशत में है।

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