अवधभूमि

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वसूली गैंग का मुख्य सरगना मुबारक अली:

ट्रांसफर पोस्टिंग में किया लाखो  की वसूली:

विभाग में मुस्लिम तुष्टिकरण को दे रहा बढ़ावा:

प्रयागराज सोनभद्र और कानपुर में कई गोदाम में पार्टनरशिप की चर्चा:

प्रयागराज। आबकारी मुख्यालय में एक वसूली गैंग बन चुका है जिसका सरगना सहायक आबकारी आयुक्त कार्मिक मुबारक अली को बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस गैंग में प्रसेन रॉय  शैलेंद्र मिश्रा वर्तमान में मुख्यालय में सहायक आबकारी आयुक्त कार्मिक के पद पर तैनात निरंकार पांडे के अलावा डिप्टी कार्मिक बरेली एसपी सिंह डिप्टी कार्मिक गोंडा आलोक कुमार भी शामिल है। यह गैंग आबकारी आयुक्त के स्तर पर ट्रांसफर पोस्टिंग में जमकर वसूली करता है। पता चला है कि अभी हाल ही में सहायक आबकारी आयुक्त से डिप्टी पद पर विभागीय पदोन्नति में लाखो की वसूली किया और कई विवादित लोगों को भी महत्वपूर्ण पोस्टिंग मिल गई जिसमें एक नाम स्कंद सिंह का भी है जिनकी तैनाती जॉइंट के रूप में हुई और जिनके प्रकरण को समाप्त करने के लिए लंबी वसूली हुई। इसी तरह इंस्पेक्टर से सहायक आबकारी आयुक्त बने हिम्मत सिंह की पोस्टिंग भी चर्चा में है कहा जा रहा है कि इस पोस्टिंग में कमिश्नर की जेब गर्म की गई और उनके वसूली एजेंट मुबारक अली ने भी  ठीक-ठाक वसूली की।  वसूली अभी भी जारी है डिस्टलरी में पोस्टिंग के लिए 25 लाख जिले में पोस्टिंग के लिए 40 लाख तक का रेट हुआ है ऐसी चर्चा है। या सांप है की मुबारक अली से मिलने के बाद ही किसी की मलाई दर पोस्टिंग हो पा रही है। विशेष सचिव दिव्य प्रकाश गिरी और कमिश्नर के नाम पर यह रेट तय किया गया है। कमिश्नर और विशेष सचिव ही यह स्पष्ट कर सकते हैं कि उन तक कितना पैसा पहुंचा है लेकिन मुबारक अली के बारे में कहा जा रहा है कि अब तक ट्रांसफर पोस्टिंग लिपस्टिक से इंस्पेक्टर और इंस्पेक्टर से सहायक आबकारी आयुक्त के पद पर और सहायक आबकारी आयुक्त से डिप्टी आबकारी के लिए करोड़ों की वसूली की गई है। विभागीय पदोन्नति पाने वाले कुछ अधिकारियों ने नाम न छापने पर इसकी पुष्टि भी की है। अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर यह भी बताया है कि मुबारक अली विभाग के मुस्लिम अधिकारियों और कर्मचारियों का संरक्षक और नेता बना हुआ है कई गंभीर प्रकरण में मुस्लिम इंस्पेक्टर और कर्मचारियों की चार्ट शीट के राहत दिलाई है और पदोन्नति का रास्ता भी साफ किया है। मुबारक अली के डर की वजह से गंभीर प्रकरण में भी प्रदेश भर में मुस्लिम पृष्ठभूमि से आने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है।

आबकारी मुख्यालय के कार्मिक विभाग में तैनात एक इंस्पेक्टर ने नाम ने छापने की शर्त पर बताया कि मुख्यालय में प्रतिमा कम से कम 10 करोड़ की वसूली हो रही है और यह वसूली मुबारक अली के माध्यम से हो रही है।

अधिकारी ने नाम में छपने के साथ पर बताया कि मुबारक अली की सोनभद्र प्रयागराज और कानपुर में कई देशी शराब की गोदाम में साझेदारी भी है। फिलहाल इसकी तब तक पुष्टि नहीं की जा सकती जब तक की शासन स्तर पर  इसकीजांच ना हो जाए । आरोग गंभीर है इसलिए शासन को सोनभद्र प्रयागराज और कानपुर के सभी देसी शराब के गोदाम की स्वामित्व की जांच करनी चाहिए। यह बात आबकारी आयुक्त आदर्श सिंह अच्छी तरह जानते हैं लेकिन कोई भी कार्रवाई करने को तैयार नहीं है क्योंकि मुबारक अली उनके विश्वसनीय वसूली एजेंट है।

8 साल पहले भी मुख्यालय में रहा तैनात वसूली के लिए दोबारा कराई गई वापसी:

आबकारी मुख्यालय में तैनात एक अधिकारी ने सनसनी खेज खुलासा करते हुए कहा कि पूर्व में भी मुख्यालय में मुबारक अली इंस्पेक्टर के रूप में 8 साल कार्मिक में ही तैनात था। उस समय भी वसूली के आरोप में हटाया गया था। इसकी वसूली की क्षमता को देखते हुए दिव्य प्रकाश गिरी ने नियम विरुद्ध इसकी मुख्यालय में तैनाती कराई और मुबारक अली ने दिव्य प्रकाश गिरी को निराश नहीं किया। अब तक उनके नाम पर करोड़ों की वसूली कर चुका है। कहा तो यह भी जा रहा है कि एडिशनल कमिश्नर ज्ञानेश्वर त्रिपाठी भी मुबारक अली की वसूली से बेहद नाराज है लेकिन उनकी भी यह सुनने वाला नहीं है।

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