
प्रयागराज। आबकारी मुख्यालय में तैनात कुछ इंस्पेक्टर और बाबू के कारनामों के चलते पूरा विभाग बदनाम हुआ है। ऐसे ही एक इंस्पेक्टर प्रसेन राय है। जिन पर आए दिन गंभीर आरोप लगते रहते हैं। प्रसेन राय पर आरोप है कि गत वर्ष दिसंबर 2022 में मृतक आश्रित कोटे के अभ्यर्थियों के टाइपिंग टेस्ट में उत्तीर्ण कराने के लिए प्रत्येक अभ्यर्थी से 50000 से ₹100000 तक की वसूली हुई। सूत्रों की बात पर विश्वास करें तो लगभग 20 लाख रुपए की वसूली हुई। यह वसूली प्रसेन राय ने ही कराई थी ऐसी चर्चा है। उस मामले में बवाल होने के बाद तथाकथित तौर पर होने वाली टाइपिंग टेस्ट को निरस्त कर दिया गया। प्रसेन राय ने मृतक आश्रित कोटे में लिपिक पद पर नियुक्त हुए अभ्यर्थियों से यह कह कर वसूली की थी कि बाबू से इंस्पेक्टर पद पर प्रमोशन तभी मिलेगा जब टाइपिंग टेस्ट पास कर लोगे। तथाकथित तौर पर तहसील राय के इस झांसे में आकर मृतक आश्रित कोटे के अभ्यर्थियों ने पैसे दिए। पैसे की वसूली की खबर के बाद आनन-फानन में टाइपिंग टेस्ट को रद्द कर दिया गया लेकिन प्रसेन राय पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
AEC कार्मिक सुनील सोनकर और 8 अन्य लिपिक ने की एडिशनल सत्य प्रकाश से शिकायत
बाबू और इंस्पेक्टर के एसीपी की इंट्री करने वाले प्रसेन राय की एइसी कार्मिक सुनील सोनकर ने एडिशनल कमिश्नर सत्यप्रकाश से शिकायत की इस शिकायत के बाद बवाल हुआ लेकिन प्रसेन राय पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। कहा जा रहा है कि एक लिपिक ने भी प्रसेन राय की शिकायत की तो उसे कथित तौर पर कमिश्नर द्वारा काफी फटकार लगाई गई।
डिप्टी कार्मिक एकशन चर्चा में
इसी महीने की 31 जुलाई को रिटायर होने जा रहे हैं डिप्टी कार्मिक अजय कुमार सिंह भी चर्चा में आ गए हैं। वह अपना हिसाब किताब करने लगे हैं। बताया जा रहा है कि कथित तौर पर इंस्पेक्टर और लाइसेंसी से अपना हिसाब एडवांस मांग रहे हैं और वह भी 2 महीने का। उनके इस फरमान से भी हड़कंप मचा हुआ है। उनके स्तर से भी तरह-तरह की धमकियां दी जा रही हैं। फिलहाल डिप्टी कार्मिक ए के सिंह और प्रसेन राय इस समय चर्चा का विषय बने हुए हैं।
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