
लखनऊ। योगी सरकार पार्ट वन में पूरे प्रदेश में जहरीली शराब पीने से लगभग हर जिले में मौतें हुई और सरकार की भारी फजीहत हुई। बावजूद इसके नकली शराब की बिक्री जारी रही लोग मरते रहे लेकिन आबकारी विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी पर इसका कोई असर देखने को नहीं मिला। बताया जाता है कि नकली शराब की कमाई से जुड़े शराब माफियाओं का संजय भूसरेड्डी से सीधा संबंध है। एक अनुमान के मुताबिक प्रदेश भर में अवैध शराब से लगभग 4 से 5 हजार करोड़ रुपए की कमाई होती है। और इस अवैध कारोबार से जुड़े लोगों को संजय भूसरेड्डी का संरक्षण प्राप्त है। यही वजह है कि पूर्वांचल बुंदेलखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तमाम शराब माफियाओं के खिलाफ शिकायतें मिलने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं हुई।
शराब में की जाती है पानी की मिलावट , तय डिग्री पर नही तैयार होती है शराब
सूत्रों का कहना है कि डिस्टलरी से निकलने के बाद जब शराब fl2 गोदामों पर पहुंचती है तो वहां शराब में पानी मिलाई जाती है मतलब शराब की मात्रा दोगुनी कर दी जाती है इस तरह जहां लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ हो रहा है वहीं सरकार को भी हजारों करोड़ रुपए का चूना लग रहा है। सूत्रों ने दावा किया है कि ज्यादातर शराब में मिलावट होती है और उसके डिग्री भी तय मानक के विपरीत होती है।
गन्ना किसानों का हजारों करोड़ बकाया, फिर भी चीनी मिलों पर नहीं की कार्रवाई
गन्ना किसानों का लगभग ₹14000 बकाया है बावजूद इसके संजय भूसरेड्डी ने चीनी मिलों पर कोई कार्रवाई नहीं की। चीनी मिलों के सामने सैकड़ों की संख्या में किसान धरना दे रहे हैं और अपना बकाया मांग रहे हैं लेकिन अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी ने इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं की। संजय भूसरेड्डी की वजह से ही गन्ना बेल्ट में भाजपा की इमेज खराब हुई। सब कुछ जानते हुए भी इनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तथा संजय भूसरेड्डी की मिलीभगत से अवैध रूप से चलती रही चीनी मिले

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सभी चीनी मिलों को पूरी तरह प्रदूषण मुक्त होने पर ही चीनी मिल चलाने का आदेश दिया था तथा बरसात के महीने में चीनी मिल नहीं चलाने का आदेश दिया था लेकिन अपर मुख्य सचिव के संरक्षण के चलते चीनी मिलों ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश का उल्लंघन करते हुए चीनी मिल पेराई का काम जारी रखा। अपने बचाव के लिए चीनी मिलों ने Incrination boiler for zero liquid discharge लगवाए जिसकी वजह से लिक्विड वेस्ट तो रुका लेकिन पूरे इलाके में वायु प्रदूषण अपने चरम पर पहुंच गया । मजे की बात यह है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस मामले में आरोपी चीनी मिलें बजाज हिंदुस्तान लिमिटेड और सिंभावली शुगर वर्क को क्लीन चिट दे दी ।
श्रीराम सीमेंट की हरदोई स्थित चीनी मिलों में साझीदार हैं संजय भूसरेड्डी
सूत्रों का कहना है कि श्रीराम सीमेंट की हरदोई स्थित तीन चीनी मिले हैं जहां पर संजय भूसरेड्डी अक्सर दौरा करते हैं। इस बात की अच्छी खासी चर्चा है कि इन चीनी मिलों में अपर मुख्य सचिव की साझेदारी है।
लगता है संजय भूसरेड्डी के कारनामों की जानकारी अभी तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक नहीं पहुंची है ।
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