अयोध्या। राम जन्मभूमि में हजारों करोड़ की लागत से बनने वाले भव्य राम मंदिर में क्या रामलला विराजमान की प्राचीन मूर्ति को जगह नहीं दी जाएगी । क्या एक बार फिर उनका बनवास हो जाएगा। यह सवाल फिर से खड़ा हो गया है।
दीपक पंडित हरिहरपुर जोशीमठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने निर्मोही अखाड़े के संत और रामलला विराजमान के पुजारी नृत्य गोपाल दास को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने कहा है कि नवनिर्मित मंदिर में बाहर से नवनिर्मित प्रतिमा लाकर स्थापित की जा रही है ऐसे में कृपया यह स्पष्ट करें कि उन रामलला विराजमान का क्या होगा जो अपनी जन्मभूमि पर स्वयं प्रकट हुए। अदालत में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ी और जीते। जिनके लिए सैकड़ो वर्षों से लोग संघर्ष करते हुए अपने प्राण त्याग दिए क्या वह नवनिर्मित मंदिर की मुख्य बेदी पर नहीं बिराजेगे। यदि ऐसा होगा तो यह उनका घोर अपमान होगा कृपया ऐसा होने से रोके।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद द्वारा उठाए गए इस सवाल के बाद पहले से ही विवादों में चल रहे प्राण प्रतिष्ठा समारोह में एक नया विवाद भी जुड़ गया है।
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