
नई दिल्ली। आरबीआई की आशंका सच साबित हो रही है। देश की अर्थव्यवस्था डांवाडोल हो रही है। इसका सबसे पहला असर डीजल और पेट्रोल पर छाने लगा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम में रिकॉर्ड तेजी और डॉलर के मुकाबले रुपए की गिरावट के चलते जहां रिलायंस पेट्रोलियम ने अपने सभी पेट्रोल पंप बंद कर दिए वही सरकारी तेल कंपनियों ने भी अंतरराष्ट्रीय बाजार से खरीद कम कर दी है जिसका असर घरेलू बाजार पर दिखने लगा है क्योंकि राजनैतिक कारणों से पेट्रोलियम कंपनी ऊंचे दाम पर मिल रहे डीजल पेट्रोल के बावजूद घरेलू बाजार में दाम नहीं बढ़ा पा रहे हैं तो इसका उन्होंने दूसरा रास्ता ढूंढ लिया है। पेट्रोलियम कंपनियों ने घरेलू बाजार में डीजल पेट्रोल की आपूर्ति में कटौती कर दी है। यह सभी गतिविधियां अर्थव्यवस्था के जर्जर हालात को बयां कर रही हैं।
मध्य प्रदेश पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन का आरोप मांग के अनुरूप आपूर्ति नहीं हो रही है
डीजल पेट्रोल प्राइस इसका पहला शिकार मध्यप्रदेश हुआ है जहां पर बोनी की सीजन में जब किसानों को धान मक्का और सोयाबीन की बुवाई करनी है ऐसे में डीजल पेट्रोल की किल्लत का सामना कर रहे हैं। इस संबंध में मध्य प्रदेश पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन ने आरोप लगाया है कि सरकारी तेल कंपनियां मांग के अनुरूप आपूर्ति नहीं कर रही हैं और इस समय मध्यप्रदेश में जरूरत के हिसाब से 40% तक डीजल और पेट्रोल की कटौती कर दी गई है।
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