
नई दिल्ली। 30 साल दाल और तेल के अलावा आटा भी महंगाई के चरम पर पहुंच सकता है। किसानों ने अपना आनाज महंगे दाम पर निजी कंपनियों को और आरोपियों को को बेच दिया। गल्ला मंडी में गेहूं की आवक कम हो गई है जिसके चलते थोक भाव में लगभग ₹200 प्रति कुंतल दाम ऊपर चला गया है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि गेहूं का दाम आने वाले समय में कम से कम 6 या ₹7 प्रति किलो और बढ़ सकता है।
क्यों बड़े गेहूं के दाम
प्रतिवर्ष सरकार समय से गेहूं की खरीद सुनिश्चित करती थी लेकिन इस बार विलंब से खरीद शुरू होने की वजह से बहुत से किसानों ने व्यापारियों को एमएसपी से भी अधिक मूल्य पर अनाज बेच दिया। रूस और यूक्रेन युद्ध के दौरान गेहूं की मांग पूरी दुनिया में तेज हो गई ऐसे में भारी मुनाफा कमाने के लिए बड़े व्यापारियों ने गेहूं को 2200 रुपए प्रति क्विंटल खरीद कर 40 से 42 रुपए /केजी बेंच दिया ।
आटा और ब्रेड के दाम बढ़ने की संभावना
माना जा रहा है कि गेहूं के दाम बढ़ने की वजह से ब्रेड और आटे के दाम में बेतहाशा वृद्धि हो सकती है। फिलहाल 25 से ₹30 प्रति किलो बिक रहा आटा 45 से ₹55 प्रति केजी हो सकता है।
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