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महिमा और विनय सिंह भोला के साथ त्रिकोणीय संघर्ष में फंसे हरिप्रताप सिंह: पिछड़ों की गोलबंदी के सहारे सपा भी लड़ाई में पहली बार पैदा हुई एंटी इनकंबेंसी

प्रतापगढ़ । नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए लगातार छठी बार जनादेश के लिए उतरे 70 वर्षीय दिग्गज हरी प्रताप सिंह को पहली बार एंटी इनकंबेंसी का सामना करना पड़ रहा है। उनके प्रत्येक चुनाव में चट्टान की तरह खड़ा रहने वाला वैश्य समुदाय जहां बागी हो गया है और पिछले चुनाव में निर्दल लड़ चुकी महिमा गुप्ता के पीछे लामबंद हुआ है वही ब्राह्मण समाज ने भाजपा प्रत्याशी को लेकर चुप्पी साध ली है जिसके बाद भाजपा की मुश्किलों में खासा इजाफा हो गया है।

बहुजन समाज पार्टी ने मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में उतारा जिससे कि समाजवादी पार्टी को कोई फायदा ना हो लेकिन उसका यह दांव उल्टा पड़ता दिखाई दे रहा है। बसपा प्रत्याशी को मुस्लिम मतदाताओं में ही संघर्ष करना पड़ रहा है। जबकि नगर सीमा के बाहर समाजवादी पार्टी प्रत्याशी संतोष यादव ने पिछड़े वर्ग के मतदाताओं में अच्छी खासी सेंध लगा ली है। अपना दल से गठबंधन होने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी के साथ अपना दल के कार्यकर्ता और नेता कहीं नजर नहीं आ रहे हैं जबकि भाजपा को अपने ही बागियों से जूझना पड़ रहा है । वरुण प्रताप सिंह को पार्टी से निकालने के बाद बहुत से कार्यकर्ता भाजपा से नाराज बताए जा रहे हैं और इसका असर भी चुनाव पर दिख सकता है जब कि टक्कर गंज से चुनाव लड़ रही छाया श्रीवास्तव को भाजपा से निष्कासित करने का साइड इफेक्ट देखने को मिल रहा है और यहां भाजपा प्रत्याशी हरि प्रताप सिंह को अपने ही लोगों के गंभीर असंतोष का सामना है इस वार्ड में कांग्रेस प्रत्याशी ज्योति तिवारी महिमा गुप्ता और विनय सिंह भोला से उन्हें कड़ी चुनौती मिल रही है । इसके अलावा झिरिया मऊ पटखौली पड़ाव वार्ड बेगम वार्ड में जहां पिछले चुनाव में निवर्तमान अध्यक्ष और वर्तमान प्रत्याशी हरि प्रताप सिंह की पत्नी प्रेमलता सिंह ने अप्रत्याशित रूप से भारी बढ़त हासिल की थी वहां इस बार काफी खामोशी है और माना जा रहा है कि अतीक अहमद प्रकरण भाजपा को भारी पड़ सकता है और यदि ऐसा हुआ तो डेढ़ से दो हजार वोटों का नुकसान हो सकता है। मुसलमान आखिरकार उसी के साथ जाएंगे जो भाजपा को सीधी चुनौती देता हुआ नजर आएगा। फिलहाल इस वोट पर भाजपा सपा बसपा कांग्रेस और निर्दलीय भोला सिंह तथा महिमा गुप्ता भी दावा करती नजर आ रही हैं लेकिन यह वोट आखिरकार कहां जाएगा यह तो चुनाव के दिन ही पता चलेगा।

अगर नगर क्षेत्र की बात करें तो निर्दल प्रत्याशी विनय सिंह भोला करनपुर मीरा भवन दहिलामऊ सिविल लाइन क्षेत्र में जहां भाजपा के परंपरागत वोटरों में जबरदस्त सेंधमारी करते हुए दिखाई दे रहे हैं वही बलीपुर विवेक नगर पूर्वी सहोदर पुर अचलपुर जैसे वार्ड में अपनी मजबूत स्थिति से भाजपा के सामने मुश्किलें खड़ी कर चुके हैं।

क्यों नाराज है ब्राम्हण

ब्राह्मण मतदाता महसूस करते हैं कि हरी प्रताप सिंह भले ही बाहर से सौम्य और विनम्र हैं किंतु वह ब्राह्मणों के साथ जमकर भेदभाव करते हैं। उनके काम आसानी से नहीं होते।

चर्चा के दौरान स्पष्ट हुआ कि ब्राह्मण मतदाता इस बार किसी के साथ लामबंद नहीं है नगर के कई इलाकों में ब्राह्मण भाजपा प्रत्याशी हरि प्रताप के साथ-साथ कांग्रेस के ज्योति तिवारी उर्फ गली और विनय सिंह भोला के बीच बटा हुआ दिख रहा है।

भारी पड़ रहे हैं नगरपालिका के भ्रष्टाचार

निर्दलीय प्रत्याशी विनय सिंह भोला ने नगरपालिका के तमाम भ्रष्टाचार को अपना मुद्दा बना लिया है। वह अपनी नुक्कड़ सभाओं में नगरपालिका के बिजली पानी परिवार रजिस्टर वरासत और नजूल भूमि पर कब्जे जैसे मामले उठा रहे हैं और लोग इसे गंभीरता से ले रहे हैं। इन मुद्दों पर भाजपा प्रत्याशी की ओर से कोई सफाई सामने नहीं आ रही है। विनय सिंह भोलाने भाजपा प्रत्याशी पर जो आरोप लगाए हैं उसे लोग गंभीरता से भी ले रहे हैं।

भाजपा को विरोधी मतों के बिखराव की आशंका थी लेकिन ऐसा होता हुआ प्रतीत नहीं दिखाई दे रहा है।

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