अवधभूमि

हिंदी न्यूज़, हिंदी समाचार

स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट गायब: केंद्र सरकार की वेबसाइट पर अब नहीं दिखाई दे रही स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट

New Delhi…कृषि वैज्ञानिक प्रोफेसर एमएस स्वामीनाथन की रिपोर्ट के मंत्रालय की वेबसाइट से गायब होने की खबर है.
ये जानकारी ऐसे वक्त पर सामने आई जब हाल ही में सरकार ने स्वामीनाथन को भारत रत्न देने का ऐलान किया.
केंद्र सरकार ने हाल ही में कृषि वैज्ञानिक प्रोफेसर एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न (मरणोपरांत) से सम्मानित करने का ऐलान किया है. जहां एक ओर उन्हें भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिलने जा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर उनकी लिखी रिपोर्ट कृषि और किसान मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट से गायब हो गई है.

इंडियन एक्सप्रेस के दिल्ली कॉन्फिडेंशियल में इस बात की जानकारी दी गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले मंत्रालय की वेबसाइट पर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के सभी खंड मौजूद थे. स्वामीनाथन ने ये रिपोर्ट राष्ट्रीय किसान आयोग के अध्यक्ष के पद पर रहकर लिखी थीं.

स्वामीनाथन की रिपोर्ट के मंत्रालय की वेबसाइट से गायब होने की खबर ऐसे वक्त पर आई, जब MSP पर कानून समेत अपनी तमाम मांगों को लेकर पंजाब-हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान दिल्ली का रुख कर रहे हैं. किसानों की मांग है कि उनकी फसलों की कीमत स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक तय की जानी चाहिए.

स्वामीनाथन ने भारत में कृषि की प्रोडेक्टिविटी बढ़ाने के लिए के एक रिपोर्ट पेश की थी, जिसे स्वामीनाथन रिपोर्ट कहा जाता है. हालांकि, इस रिपोर्ट को अब तक लागू नहीं किया गया है.

प्रोफेसर एम एस स्वामीनाथन की अध्यक्षता में 2004 में राष्ट्रीय किसान आयोग (NCF) का गठन किया गया था. NCF ने 2004 और 2006 के बीच पांच रिपोर्टें पेश कीं. इन रिपोर्टों को स्वामीनाथन रिपोर्ट के नाम से जाना जाता है.

स्वामीनाथन ने अपनी रिपोर्ट में देश में खाद्य और न्यूट्रिशन सिक्योरिटी के लिए रणनीति बनाने की सिफारिश की थी. इसके अलावा उनकी रिपोर्ट में सिफारिश थी कि फार्मिंग सिस्टम की प्रोडक्टिविटी और स्थिरता में सुधार किया जाए. रिपोर्ट में किसानों को मिलने वाले कर्ज का फ्लो बढ़ाने के लिए सुधार करने की बात कही गई थी. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में किसानों की फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सुनिश्चित करने का सुझाव दिया था. इसे C2+50% फार्मूला भी कहा जाता है. रिपोर्ट में किसानों को उनकी फसल की औसत लागत से कम से कम 50 प्रतिशत अधिक एमएसपी देना का सुझाव दिया था…

#farmerprotest

About Author