
लखनऊ। आबकारी विभाग में बड़े पैमाने पर हो रहे घोटालों की सुर्खियां बनने के बाद अपर मुख्य सचिव गन्ना विकास एवं आबकारी संजय भूसरेड्डी बैकफुट पर आ गए हैं।
अवध भूमि न्यूज़ से बात करते हुए उन्होंने कहा कि आबकारी आयुक्त मुख्यालय में शीरा आवंटन पटल का आवंटन आबकारी आयुक्त और उनके अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा किया जाता है इससे मेरा कोई वास्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि ट्रांसफर पॉलिसी का वायलेशन करते हुए कोई लिपिक 20 वर्षों तक मुख्यालय में बना हुआ है तो इसकी जिम्मेदारी सहायक आयुक्त आबकारी और आबकारी आयुक्त की है। अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी ने कहा कि इस संबंध में आयुक्त और अपर आयुक्त से स्पष्टीकरण लिया जाएगा। अगर लिपिक अमित अग्रवाल के अस्तर पर किसी भी प्रकार की अनियमितता या भ्रष्टाचार पाया गया तो उसे जेल भेजा जाएगा।
मेरा काम शासन की नीति बनाना है बाकी सब कुछ आबकारी आयुक्त देखते हैं – संजय भूसरेड्डी
संजय भूसरेड्डी ने स्पष्ट किया कि वह आबकारी विभाग में शासन की नीतियां बनाते हैं लेकिन इसके कार्यान्वयन की जिम्मेदारी आबकारी आयुक्त की होती है।
शीरा आवंटन में धांधली से सरकार को लगा हजारों करोड़ रुपए का चुना
आबकारी आयुक्त मुख्यालय में तैनात कंप्यूटर लिपिक अमित अग्रवाल की मनमानी अनियमितता और भ्रष्टाचार के चलते शीरा आवंटन में धांधली हुई परिणाम स्वरूप पिछले 4 सालों में ही लगभग 30 से 35 हजार करोड़ रुपए का राजस्व क्षति हुई है।
More Stories
प्रतापगढ़: सीडीओ कार्यालय में धूल फांक रही फाइलें: नमामि गंगे परियोजना की बेल्हा में प्रगति शून्य
सीडीओ स्तर पर लंबित है करोड़ों रुपए का मांग पत्र: एनआरएलएम की गतिविधियां प्रभावित:
बजट में शिक्षामित्रों के समायोजन या नई नौकरियों पर पूरी तरह ख़ामोशी: