प्रयागराज। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने आयुष्मान योजना का चाहे जितना गुणगान करें लेकिन जमीन पर इसकी सच्चाई कुछ और ही है। इस योजना का लाभ पात्र व्यक्तियों को नहीं मिल रहा है। उत्तर प्रदेश में गरीबी किस हद तक चरम पर पहुंच गई है। इसकी बानगी उस समय देखने को मिली जब मुसहर जति के एक युवक की पत्नी जो काफी लंबे समय से बीमार थी और इसके इलाज के लिए पैसे नहीं थे उसकी मृत्यु हो जाने के बाद उसकी अर्थी और कफ़न के भी पैसे नहीं थे। युवक ने पत्नी की मौत की सूचना अपने ससुर को दी फिर दोनों ने एक बांस के सहारे धोती की एक बहंगी बनाई और उसी में मृत युवती को लेकर अंतिम संस्कार के लिए निकल पड़े। जब इस तरह सड़क पर जाते हुए लोगों ने देखा तो युवक से पूछा तो उसने रो-रो कर सारी वृतांत बताई जिसको सुनकर लोगों को दया आई और लोगों ने आपस में पैसे जमा कर युवती को ई-रिक्शा पर रखवाया और कफ़न आदि का इंतजाम कराया इस घटना के बाद प्रधानमंत्री मोदी के गरीब कल्याण योजना की भी पोल खुल गई है और उत्तर प्रदेश सरकार के तमाम विज्ञापनों की भी पोल खुल गई। वास्तव में इस तरह की गरीबी का लोग उत्तर प्रदेश में सामना कर रहे हैं जबकि सरकार का दावा है कि प्रदेश में खुशहाली और समृद्धि बढ़ गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, वाराणसी जिले के बनकट गांव निवासी नखड़ू अपने परिवार के साथ झूंसी के नीबी गांव में पत्तल बनाकर गुजर बसर करते हैं. उनकी पत्नी अनीता (26 वर्ष) कई दिनों से बीमार चल रही थीं. बीते शुक्रवार (13 अक्टूबर) को झूंसी के बंधवा ताहिरपुर गांव में वह पत्नी को लेकर झाड़-फूंक करने वाले के पास ले गए, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया.
More Stories
डीईओ प्रतापगढ़ का संरक्षण:
गौ तस्कर आलोक आकाश और गोपाल गिरफ्तार:
वसूली कांड की जांच में भी वसूली: