
नई दिल्ली। मुंबई में उद्धव सरकार गिराने में अहम भूमिका निभाने वाली ईडी इस समय पूरे देश में भय और आतंक का पर्याय बनी हुई है। ईडी के निशाने पर वह सभी नेता है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को सीधी चुनौती दे रहे हैं। चाहे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हो महाराष्ट्र के निवर्तमान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे रहे हो या फिर कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी हो सब के सब इस समय एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट के दुश्मन नंबर एक हैं इनकी सबसे बड़ी गलती यह है कि इन्होंने देश के प्रधानमंत्री के सामने अब तक सरेंडर नहीं किया है। लगता है इन्हें सरेंडर कराने का दायित्व प्रवर्तन निदेशालय ने ले लिया है यही कारण है कि विपक्ष के नेताओं पर प्रवर्तन निदेशालय का कहर टूटा है।
सुबह राहुल ने कहा कि मैं नरेंद्र मोदी से नहीं डरता, दोपहर में ईडी ने कहा नेशनल हेराल्ड मामले में सबूत मिल गया
करीब सुबह 11:00 बजे मीडिया से बातचीत करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मैं बिल्कुल नहीं डरता नरेंद्र मोदी से तो कदापि नहीं डरता जो करना है कर लो, इस पर भाजपा या सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई जवाब देने की जिम्मेदारी प्रवर्तन निदेशालय ने उठाई। प्रवर्तन निदेशालय जो अपनी सभी कार्रवाइयों का विवरण मीडिया को लीक कर रहा है उसने तथाकथित गोदी मीडिया को जानकारी दी कि नेशनल हेराल्ड केस में सबूत मिल गए हैं। इसका मतलब यदि आज राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह को खुली चुनौती न दी होती तो यह सबूत नहीं मिल पाते जैसे पिछले 8 सालों से सबूत ढूंढे जा रहे थे लेकिन नहीं मिल रहे थे। राहुल गांधी ने प्रवर्तन निदेशालय के माई बाप प्रधानमंत्री को जैसे ही चुनौती दी आज्ञाकारी संताने सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय को सारे सुबूत मिलने लगे।
राहुल सोनिया के जेल जाने से क्या कांग्रेस समाप्त हो जाएगी
जिस तरह से प्रवर्तन निदेशालय राहुल गांधी और सोनिया गांधी के पीछे हाथ धोकर पड़ा है वह किसी गेम प्लान का हिस्सा लगता है। रणनीतिकारों का शायद यह मानना है कि यदि राहुल सोनिया खामोश रह जाते हैं तो भारतीय जनता पार्टी अगले 30 सालों तक बे खटक राज कर पाएगी
विपक्ष के कई नेता कर चुके हैं सरेंडर
प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई के डर से नवीन पटनायक जगन मोहन रेड्डी एमके स्टालिन मायावती अखिलेश यादव सहित तमाम बड़े विपक्ष के चेहरे आत्मसमर्पण की मुद्रा में आ गए हैं। पिछले 8 सालों में केवल राहुल गांधी एकमात्र ऐसे नेता रहे हैं जो हर मुद्दे पर नरेंद्र मोदी के लिए मुश्किलें खड़ी करते रहे हैं यहां तक कि देश के बाहर भी नरेंद्र मोदी को राहुल गांधी की वजह से मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। भाजपा और नरेंद्र मोदी को लगता है कि यदि राहुल गांधी को भ्रष्टाचार के मामले में बदनाम कर जेल भेज दिया जाए तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल रसातल में चला जाएगा और पार्टी का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा।
तमाम राज्यों में कांग्रेस की सरकार गिराने पार्टी के विधायक सांसद तोड़ने के बावजूद राहुल गांधी के हमले में कोई कमी नहीं आई बस यही भाजपा और नरेंद्र मोदी के लिए टेंशन का विषय है।
राहुल गांधी को जेल भेज कर कांग्रेस को भ्रष्ट साबित करना चाहती है भाजपा
भाजपा की सोची समझी रणनीति यह है कि यज्ञ राहुल गांधी जेल चले जाएंगे तो कांग्रेस को भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाली पार्टी के रूप में प्रचारित कर इसका अस्तित्व समाप्त कर दिया जाएगा । इस तरह देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एकमात्र मुखर आवाज भी खामोश हो जाएगी।
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