जोहानिसबर्ग। दक्षिण अफ्रीका में वृक्ष देश के सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जोहान्सबर्ग एयरपोर्ट पर वैसा स्वागत नहीं हुआ जैसा कि चीन के राष्ट्रपति से जिनपिंग के वहां पहुंचने पर हुआ। शी जिनपिंग को रिसीव करने के लिए वहां के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा एयरपोर्ट पर स्वयं मौजूद थे जबकि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एयरपोर्ट पहुंचने पर दक्षिण अफ्रीकी सरकार के सबसे जूनियर मंत्री को स्वागत करने के लिए भेजा गया। मीडिया रिपोर्टर में तो यहां तक कहां जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एयरपोर्ट पर इस बात को लेकर नाराज भी हो गए और काफी देर तक विमान में ही बैठे रहे। बाद में वह विमान से उतरे और सम्मेलन स्थल की ओर रवाना हुए। वृक्ष देश के इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री दक्षिण अफ्रीका से इतने नाराज थे कि उन्होंने मेजबान देश के राष्ट्रपति से बहुत कम बातें की और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ कुछ मिनट तक बातें की।
मीडिया रिपोर्ट पर भरोसा करें तो कहा जा रहा है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को खुश करने के लिए अफ्रीकी राष्ट्रपति और वहां की सरकार ने जानबूझकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत सम्मान में उचित प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया।
लोग इस बात पर हैरान है कि अंग्रेजों के खिलाफ जिस दक्षिण अफ्रीका की धरती से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने शुरुआत की थी आज वहां भारत का प्रभाव और असर पूरी तरह समाप्त होता जा रहा है। जानकारों का मानना है कि ब्रिक्स देश के संगठन में चीन समर्थक देश को शामिल किया जा रहा है और इसमें भारत की उचित राय नहीं ली जा रही है।
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