
वाराणसी। आज जिस काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन प्रधानमंत्री ने किया उसे बनाने के लिए 182 से अधिक भवन और मंदिर जो लगभग 500 वर्ष तक पुराने थे उन्हें जमींदोज कर दिया गया। सकरी गलियों को नष्ट किया गया। हजारों शिवाले तोड़े गए तब जाकर विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने वाला भव्य काशी विश्वनाथ काली डोर बनकर तैयार हुआ।
तीर्थ पुरोहितों और यहां रहने वाले लोगों का आरोप है कि सरकार ने उनकी ऐतिहासिकता पौराणिक ता और संस्कृति सब कुछ बदल के रख दिया।
पूरी दुनिया के लोग खासतौर पर दक्षिण भारत के लोग वाराणसी को केवल उसकी प्राचीनता और उसकी गलियों के लिए ही याद करते हैं और घूमने आते हैं लेकिन अब उन्हें यह नजारा देखने को शायद ही मिले।
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