

वाराणसी। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया के बीच प्रधानमंत्री काशी विश्वनाथ कारी डोर की चमक-दमक दुनिया को दिखाने के लिए आतुर है लेकिन आज समाचार पत्रों में जिस प्रकार से उत्तर प्रदेश की 21 करोड़ आबादी में से 15 करोड़ आबादी को सरकारी राशन देने की बात कही जा रही है वह उत्तर प्रदेश की और यहां के लोगों की बदहाली बताने के लिए पर्याप्त है। सरकार खुद मानती है कि यदि 15 करोड लोगों को यदि सरकारी राशन ना दिया जाए तो वह भूखमरी के शिकार हो सकते हैं। सरकारी से अपनी उपलब्धि के तौर पर प्रस्तुत कर रही है जबकि यह शर्म की बात है।
4000 करोड़ रुपए की परियोजना और 700 करोड़ रुपए का विज्ञापन
प्रधानमंत्री की ब्रांडिंग के लिए देश और दुनिया के सभी बड़े मीडिया घरानों को 700 करोड़ रुपए का विज्ञापन जारी किया गया है जबकि इसी काशी में बड़ी संख्या में गरीब लोगों को आवास उपलब्ध नहीं है। बेरोजगारी चरम पर है।
निषाद चिंतित उनका परंपरागत पेशा खतरे में है
वाराणसी घाट के आसपास गरीब एवं मल्लाह अपनी आजीविका के भविष्य को लेकर बुरी तरह चिंतित है। उन्हें लगता है कि वाराणसी के घाटों पर क्रूज़ और अलीशान अत्याधुनिक नाव के आगे उनकी पूछ नहीं होगी इस तरह उन्हें मजबूरन अपना पुश्तैनी कारोबार छोड़ना पड़ेगा।
यंग इंडिया करेगी मंदिर परिसर की सभी व्यवस्थाओं का परिचालन
काशी विश्वनाथ मंदिर के तीर्थ पुरोहित काफी निराश है उन्हें लगता है कि ब्रिटेन की संस्था यंग इंडिया काशी विश्वनाथ मंदिर में व्यापार करेगी जिससे श्रद्धालुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ होगा। इसके साथ ही सरकार ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि जो लग्जरियस होटल बनाए जा रहे हैं उनके लिए नियम कानून क्या रखे गए हैं।
यंग इंडिया जिसको काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के संचालन की जिम्मेदारी दी गई है उसके ज्यादातर सदस्य क्रिस्चियन है और उन्हें भारतीय संस्कृति और सभ्यता में जरा भी आस्था नहीं है। वह केवल यहां पर मुनाफा कमाने के लिए आए हैं।
More Stories
प्रयागराज: भूमि विवाद में जिलाधिकारी के हस्तक्षेप पर उच्च न्यायालय ने लगाई रोक: कहा – डीएम मनमानी फैसले कर रहे हैं और भूमाफिया गरीबों की जमीन पर कब्जा कर रहे है
मौलवियों और फकीरों की मदद करेगी योगी सरकार : पुरोहित कल्याण बोर्ड के लाभार्थियों में मौलवी और फकीर भी शामिल
50 वर्ष पूरा करने वाले कर्मचारियों की नौकरी पर मंडराया संकट: जबरन रिटायर करने की तैयारी