
लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब से यूपी में योगी सरकार के बजाय भाजपा सरकार का नारा दिया है अधिकारियों ने अपना रवैया बदल लिया है। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा प्रसाद मिश्रा समेत कई बड़े अधिकारी मुख्यमंत्री का फोन अटेंड ही नहीं कर रहे हैं। इस बात की नाराजगी खुद मुख्यमंत्री ने एक टीवी इंटरव्यू में जाहिर की।
जानकारों का मानना है कि अधिकारियों के ऐसा रवैया अपनाने के पीछे दो कारण हो सकते हैं पहला कारण यह कि समाजवादी पार्टी सरकार की संभावना दिख रही है और दूसरा कारण यह है कि इस बार भाजपा बहुमत पाती है तो योगी के मुख्यमंत्री बनने की संभावना नाम मात्र होगी। ऐसे में अधिकारी योगी के करीबी होने का नुकसान नहीं उठाना चाहते।
सातवें चरण के चुनाव में योगी और मोदी रहे दूर दूर
पांचवें चरण के बाद योगी ज्यादातर समय गोरखपुर और आसपास रहे। संभवतः उन्हें अपने चुनावी भविष्य का अनुमान है।
बनारस में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को प्रचार के लिए बुलाया गया लेकिन योगी आदित्यनाथ को बनारस से दूर रखा गया। अंदर खाने यह भी चर्चा हो रही है कि इस बार मुख्यमंत्री का चयन प्रधानमंत्री करेंगे जाहिर सी बात है कि योगी उनकी पसंद नहीं है।
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