
नई दिल्ली। पिछले 90 दिनों से पेट्रोलियम पदार्थों पर कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है लेकिन जल्दी यह सुकून के दिन समाप्त होने वाले हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 10 मार्च के बाद डीजल कम से कम ₹30 प्रति लीटर और पेट्रोल ₹35 प्रति लीटर महंगा हो जाएगा। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में आए उछाल का हवाला देकर पेट्रोलियम कंपनियों ने अपने घाटे की भरपाई के लिए योजना तैयार कर ली है।
globalpetrolprices.com के मुताबिक आज दुनिया भर में गैसोलीन यानी पेट्रोल की औसत कीमत 92.04 भारतीय रुपया प्रति लीटर है। हालांकि, देशों के बीच इन कीमतों में काफी अंतर है। विभिन्न देशों में पेट्रोल की कीमतों में अंतर टैक्स रेट और सब्सिडी के कारण है। सभी देशों की अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पेट्रोलियम कीमतों तक समान पहुंच है, लेकिन अलग-अलग टैक्स की वजह से पेट्रोल की खुदरा कीमत अलग है।
बता दें केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर चार नवंबर 2021 को उत्पाद शुल्क में कटौती की थी। इसके बाद दाम स्थिर हैं। हालांकि, इसके बाद कई राज्यों में वैट कम करने से दाम कम हुए जरूर हुए है, पर कोई वृद्धि नहीं हुई। विपक्ष इसे चुनाव से जोड़ रहा है। क्योंकि, अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगातार दम बढ़ रहे हैं। अक्तूबर 2014 के बाद कीमत रिकार्ड स्तर पर हैं। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ने के बावजूद कीमत स्थिर रही थी। पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु चुनाव के दौरान भी दाम स्थिर रहे थे।
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