
सुमित वत्सल त्रिपाठी
लालगंज । प्रतापगढ़
देश मे आज से भारत की स्वतन्त्रता का अमृत महोत्सव( स्वाधीनता के पचहत्तर वर्ष) शुभारम्भ सरस्वती विद्या मंदिर के प्रांगण मे एक संगोष्ठी का आयोजन हुआ। जिसके मुख्य अतिथि एवम मुख्य वक्ता के रूप मे स्वामी नरेन्द्र ओझा’ बाबा ‘ ने स्वतन्त्रता आंदोलन के उन वीर सपूतो को नमन करते हुए अपने ओजस्वीपूर्ण वक्तव्य कहा कि स्वाधीनता संग्राम का चरित्र राष्ट्रव्यापी था। जिसकी आजादी के लिए भारत माता के सपूतो ने अपने प्राण को न्यौछावर कर दिया। भगत सिंह, राजगुरु, चन्द्रशेखर आजाद जैसे क्रांतिकारी भाइयों की वजह से ही हमने देश मे एक क्रांति लायी थी। आज फिर से उसी क्रांति की जरुरत आ पड़ी है। देश की जड़ आज महगाई, भ्रष्टाचार और रोजगार से खोखली हो चुकी है। देश मे फिर से क्रांतिकारी परिवर्तन की जरुरत । मुख्य अतिथि स्वामी नरेन्द्र ओझा ‘बाबा ‘ द्वारा दीप प्रज्वलन एवम भारत माता की की आरती की गई। संगोष्ठी मे ओज कवि अंजनी अमोघ द्वारा देश की स्वतन्त्रता के विषय पर प्रकाश डाला गया जिसमें देश को समर्पित ओज पूर्ण कविता अंजनी द्वारा प्रस्तुत की गई-
दहकती आग मे पला हूँ राष्ट्रवाद के उन्माद का गान लिखता हूँ।
आर्य का वंश हूँ आर्य देश को भूगोल का अभियान लिखता हूँ।।
नौजवानो का होश और जोश भग ना हो जाए पायल की झन्कार मे ।
मैं नौजवानो के लहू मे, भगत सिंह के सपनो का हिन्दुस्तान लिखता हूँ।।
संगोष्ठी का संचालन आचार्य मधुकर जी ने किया और अध्यक्षता वरिष्ठ आचार्य प्रभाकर शुक्ल जी ने किया।
इस मौके पर सरस्वती विद्या मंदिर लालगंज के प्रधानाचार्य राम अवधेश मिश्र जी, केशवराम ओझा, सुमित त्रिपाठी ‘वत्सल’ शिवम पांडे, आचार्य प्रमोद, संतोष सिंह, एवम नगर के तमाम सम्माननीय नागरिकों की उपस्थिति रही।
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