
लखनऊ। एक तरफ जहां मुख्यमंत्री ने एक ही पटल और एक ही कार्यालय में वर्षों से बने अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले के लिए स्थानांतरण नीतिका सख्ती के साथ पालन करने का निर्देश दिया है वही आबकारी महकमे में इसी नीति की धज्जियां उड़ाने की पूरी तैयारी है।
मुख्यमंत्री योगी के करीबियों में समझे जाने वाले अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय भूसरेड्डी अपने कुछ करीबी बाबू और अधिकारियों को बचाने के लिए आबकारी आयुक्त सेंथिल पांडियन सी पर अनुचित दबाव बना रहे थे जिसकी वजह से नाराज होकर वह छुट्टी पर चले गए। सेंथिल पांडियन सी का सीयूजी नंबर भी स्विच ऑफ आ रहा था। पता चला कि वह रविवार की सुबह ही अचानक छुट्टी पर चले गए।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक स्थानांतरण नीति का सख्ती के साथ पालन करते हुए आबकारी आयुक्त ने 182 ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों की एक सूची बनाई जो कई वर्षों से आबकारी मुख्यालय में बने हुए थे कुछ बाबू और अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप थे इन सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के स्थानांतरण की लिस्ट तैयार की जाने लगी इसी बीच अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की ओर से कुछ भ्रष्ट बाबू और अधिकारियों को स्थानांतरण से छूट देने के लिए दबाव बनाया जाने लगा। अपर मुख्य सचिव के इस अनुचित दबाव से नाराज होकर आबकारी आयुक्त छुट्टी पर चले गए बताया जा रहा है कि वह 30 जून के बाद ही लौटेंगे।
संजय भूसरेड्डी ने लिया आबकारी आयुक्त का भी कार्य प्रभार
सूत्रों से जानकारी मिली है कि संजय भूसरेड्डी ने आबकारी आयुक्त का भी चार्ज अपने पास रख लिया है और अब वह स्थानांतरण नीति की धज्जियां उड़ाते हुए अपने चहेतों का ट्रांसफर रोकने के लिए सक्रिय हो गए हैं। कहा जा रहा है कि एक या 2 दिन के अंदर ही उनके आदेश से स्थानांतरित अधिकारियों कर्मचारियों की सूची जारी की जाएगी जिसमें उनके चहेतों का नाम नहीं होगा।
More Stories
प्रयागराज: भूमि विवाद में जिलाधिकारी के हस्तक्षेप पर उच्च न्यायालय ने लगाई रोक: कहा – डीएम मनमानी फैसले कर रहे हैं और भूमाफिया गरीबों की जमीन पर कब्जा कर रहे है
मौलवियों और फकीरों की मदद करेगी योगी सरकार : पुरोहित कल्याण बोर्ड के लाभार्थियों में मौलवी और फकीर भी शामिल
50 वर्ष पूरा करने वाले कर्मचारियों की नौकरी पर मंडराया संकट: जबरन रिटायर करने की तैयारी