
लखनऊ। केशव प्रसाद मौर्य भले ही उप मुख्यमंत्री बन गए हैं और उन्हें ग्रामीण विकास विभाग जैसा मंत्रालय दिया गया है लेकिन उनका राजनैतिक कद घटा दिया गया है। उन्हें साइडलाइन करते हुए प्रदेश सरकार में नंबर दो की हैसियत वाला प्रोटोकोल जितिन प्रसाद को मिल गया है। माना जाता है कि समाजवादी पार्टी में जब शिवपाल सिंह यादव के पास लोक निर्माण विभाग था तो उनकी हैसियत सरकार में नंबर दो की होती थी इसी तरह मायावती के मुख्यमंत्री रहते नसीमुद्दीन सिद्दीकी लोक निर्माण विभाग के मंत्री होते थे और उनकी हैसियत सरकार में दूसरे नंबर पर थी।
कांग्रेस से वापस आए जितिन प्रसाद का राजनीतिक कद बढ़ने से भाजपा खेमे में हलचल है। माना जा रहा है कि जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ केशव प्रसाद मौर्य को लोक निर्माण विभाग देने को तैयार नहीं हुए तो विकल्प के तौर पर जितिन प्रसाद का नाम दिया गया जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।
राजनीतिक प्रेक्षको को लगता है कि केशव प्रसाद मौर्य अपना मंत्री पद भले बचा लिए लेकिन राजनीतिक कद काफी कमजोर हुआ है।
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