
प्रतापगढ़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन जनपद प्रतापगढ़ में दम तोड़ रही है। पिछले 1 वर्ष से राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी तमाम परियोजनाओं की फाइल मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय में वित्तीय अनुमोदन के लिए धूल फांक रही हैं।
नियम विरुद्ध बीडीओ को देना चाहती हैं एन आर एल एम का वित्तीय अधिकार
सूत्रों का कहना है कि मुख्य विकास अधिकारी ने सभी फाइलें यह कह कर लौटा दी हैं कि जब तक खंड विकास अधिकारी स्तर से परियोजनाओं की मंजूरी नहीं मिलेगी तब तक वह वित्तीय अनुमोदन नहीं देंगी जबकि एन आर एल एम गाइडलाइन में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। सवाल उठता है कि नियम विरुद्ध मुख्य विकास अधिकारी महोदया खंड विकास अधिकारियों को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की परियोजनाओं में वित्तीय अधिकार दिलाने पर अडिग क्यों है। आखिर यह क्या खेल चल रहा है। क्या इन परियोजनाओं में कमीशन बागी का कोई नेटवर्क तैयार किया जा रहा है या जानबूझ कर परियोजनाओं को रोकने की तैयारी है।
बीएमएम स्थापना मद तथा दो हजार से ज्यादा समूहों के आर ए एफ और सीआईएफ का करोड़ों रुपए का बीपी अनुमोदन रोका
जिला मिशन प्रबंधन इकाई उपायुक्त स्वरोजगार प्रतापगढ़ कार्यालय द्वारा पिछले 1 वर्ष से जो भी पत्रावली मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय में वित्तीय अनुमोदन के लिए भेजी गई वह यह तो धूल फांकती रही या फिर अड़ंगेबाजी लगाकर वापस कर दी गई। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दो हजार से ज्यादा स्वयं सहायता समूह के आर ए ए एफ और सीआईएफ की करोड़ों रुपए की पत्रावली वित्तीय अनुमोदन के लिए मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय में पड़ी हुई है जिसकी वजह से पूरे जनपद में समूह की गतिविधियां ठप है । समूह के गठन के लिए ड्राइव नहीं भेजी जा पा रही है। आवश्यक सामग्री की खरीद भी नहीं हो पा रही है। भुगतान न मिलने की वजह से वेंडर आपूर्ति करने से मना कर रहे हैं।
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