
नई दिल्ली। UDISE+ की 2020-21 की रिपोर्ट बताती है कि देश में 15 लाख से ज्यादा स्कूल हैं. इनमें सरकारी, अर्द्ध-सरकारी और प्राइवेट स्कूल शामिल हैं. इन स्कूलों में करीब 26.5 करोड़ से ज्यादा छात्र पढ़ते हैं. UDISE+ की पिछले तीन सालों की रिपोर्ट बताती है कि देश में सरकारी स्कूलों की संख्या लगातार कम हो रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, देश भर में फिलहाल 10 लाख 32 हजार 49 सरकारी स्कूल हैं, जिनमें से पिछले तीन सालों में 62 हजार 488 स्कूल घटे हैं.
“सरकार स्कूलों के बंद होने या मर्ज होने का ब्रेकअप डेटा नहीं बता रही है, जिससे लोगों को इसका तर्क समझ आए. केंद्र सरकार हर बार कहती है कि ये राज्यों का मसला है. लेकिन केंद्र खुद बार-बार मर्जर का निर्देश देती है. आप दोनों तरह की बात नहीं कर सकते हैं. जमीन पर हमारा अनुभव कहता है कि स्कूल बंद होने पर पेरेंट्स को दिक्कतें हुई हैं. स्कूल दूरी पर जाने से बच्चों के ड्रॉपआउट होने का रिस्क बढ़ता है.”
“देश भर में 11 लाख से ज्यादा शिक्षकों के पद खाली हैं. ये आंकड़ा पिछले साल सरकार ने ही संसद में दिया था. अलग-अलग राज्यों में शिक्षकों की भर्ती की मांग होती रहती है. अगर सरकार स्कूलों को बंद या मर्ज करती है तो शिक्षकों की कमी को भी बैलेंस करने की कोशिश कर रही है. इससे सरकार का डेटा भी सही दिखेगा.”
सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में कम हुए प्राइमरी स्कूल
पिछले तीन साल के आंकड़ों को देखें, तो सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में प्राइमरी स्कूलों की संख्या कम हुई है. 2017-18 में राज्य में सरकारी प्राइमरी स्कूलों की संख्या 1.14 लाख थी. जो 2020-21 में घटकर 87 हजार 895 हो गई. इसी तरह झारखंड में प्राइमरी स्कूलों की संख्या करीब 3 हजार घटी है. ओडिशा में भी ये संख्या करीब ढाई हजार है और महाराष्ट्र में एक हजार है. हालांकि राजस्थान, गुजरात, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश जैसे राज्य में सरकारी प्राइमरी स्कूलों की संख्या बढ़ी है.
More Stories
प्रतापगढ़: सीडीओ कार्यालय में धूल फांक रही फाइलें: नमामि गंगे परियोजना की बेल्हा में प्रगति शून्य
सीडीओ स्तर पर लंबित है करोड़ों रुपए का मांग पत्र: एनआरएलएम की गतिविधियां प्रभावित:
बजट में शिक्षामित्रों के समायोजन या नई नौकरियों पर पूरी तरह ख़ामोशी: