
नई दिल्ली। केंद्र सरकार नई बिजली नीति को मंजूरी दे दी है इस नीति के तहत सरकार अब बिजली कंपनियों को सब्सिडी नहीं देगी। उपभोक्ताओं को महंगी बिजली खरीदनी पड़ेगी। अगर जरूरत पड़ी तो सरकार उपभोक्ताओं के खाते में सब्सिडी की धनराशि अंतरित करेगी लेकिन उसके लिए कई शर्तें लागू होंगी।
केद्र सरकार बिजली क्षेत्र के लिए तैयार नई पॉलिसी को 29 नवंबर से शुरु होने वाले शीतकालीन सत्र में पेश करेगा. नई पॉलिसी के प्रभावी होने के बाद देश के करोड़ों बिजली उपभोक्ता सीधे प्रभावित होंगे. इतना ही नहीं, नई पॉलिसी के लागू होने से नि:शुल्क बिजली जलाने वालों की संख्या में भी कमी आएगी. क्योंकि नई पॉलिसी प्रभावी होने से राज्य सरकार अब किसी को भी मुफ्त बिजली नहीं दे सकेगी. ग्राहकों को सब्सिडी स्लैब के हिसाब से सरकार द्वारा दिया जाएगा.
केंद्र सरकार के नई पॉलिसी के अनुसार बिजली उपलब्ध कराने वाली कंपनियां उपभोक्ताओं से बिजली बिल की वसूली इनपुट कॉस्ट के आधार पर कर सकेंगी. अभी बिजली उत्पादन कंपनियों की लागत ग्राहकों से वसूले जाने वाले बिल से 0.47 रुपए प्रति यूनिट ज्यादा है. इसकी भरपाई कंपनियां सब्सिडी से करती हैं. वर्तमान में राज्य सरकारें डिस्ट्रीब्यूटर बिजली कंपनियों को एडवांस सब्सिडीहोगी. इसलिए 100% मीटरिंग जरूरी है. ऐसे में बिजली के महंगे होने की भी आशंका है.
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