
प्रतापगढ़ । 3 दिन पहले एसडीएम और उनके दो अन्य साथियों ने मिलकर नाजिर सुनील शर्मा की बेरहमी से लाठी डंडे से पिटाई की। गंभीर हालत में पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लालगंज में भर्ती कराया गया बाद में हालात बिगड़ने पर मेडिकल कॉलेज प्रतापगढ़ भेजा गया जहां इलाज के अभाव में उसकी मौत हो गई। तहसील कर्मियों के भारी हंगामे के बाद उप जिलाधिकारी लालगंज ज्ञानेंद्र विक्रम सिंह के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ। हत्या का मुकदमा दर्ज होने के बाद भी कोतवाली पुलिस ने एसडीएम से पूछताछ की जरूरत महसूस नहीं की।

एसडीएम फरार मोबाइल भी स्विच ऑफ
इस बीच प्रभारी निरीक्षक कोतवाली लालगंज ने अवध भूमि न्यूज़ से बात करते हुए बताया कि उपजिलाधिकारी लालगंज का नंबर स्विच ऑफ है और वह अपने आवास पर नहीं है। जब उनसे पूछा गया कि मुकदमा दर्ज होने के बाद उन्होंने पूछताछ क्यों नहीं की तो उन्होंने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि वह बॉडी परिजनों को सौंपने और अंतिम संस्कार के काम में व्यस्त हैं।
आरोपी के बजाय परिजनों से पूछताछ करना चाहते हैं कोतवाल
प्रभारी निरीक्षक ने अवध भूमि न्यूज़ से कहा कि मृतक नाजिर का अंतिम संस्कार होने के बाद उसके बेटे से पूछताछ की जाएगी। यह सब तब हो रहा है जबकि मृतक के बेटे सुधीर शर्मा की तहरीर पर उप जिलाधिकारी और दो अन्य के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ है। पुलिस ने उप जिलाधिकारी को फरार होने में पूरी मदद की। आखिर क्या वजह है कि पुलिस आरोपी से पूछताछ के बजाय मृतक के बेटे से पूछताछ करना चाहती है।
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