
भोपाल। प्लेन क्रैश में मारे गए देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी का जब अंतिम संस्कार हो रहा था, तब उनकी ससुराल की जमीन पर शासन की ओर से बुलडोजर चलाया जा रहा था। जनरल रावत के साले यशवर्धन सिंह ने सोशल मीडिया पर यह बताते हुए न्याय की गुहार लगाई तो राजधानी भोपाल तक हड़कंप मच गया। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आश्वस्त किया है कि यशवर्धन सिंह के परिवार के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया जाएगा।
शहडोल जिले के सोहागपुर गढ़ी में यशवर्धन सिंह की जमीन है। इस पर एमपीआरडीसी NH 43 बाईपास सड़क निर्माण का कार्य कर रही है। इसके लिए उनकी जमीन का अधिग्रहण करने के बाद उन्हें मुआवजा भी दिया गया है। यशवर्धन सिंह ने आरोप लगाया है कि सड़क का कुछ हिस्सा ऐसी जमीन में आ रहा है, जिसका न तो अधिग्रहण किया गया है और न ही उन्हें मुआवजा मिला है। उन्होंने बताया कि इस बारे में उनकी पहले भी स्थानीय अधिकारियों से बात हुई थी। इसी बीच उनकी बहन और जीजाजी की मौत हो गई और उन्हें दिल्ली आना पड़ा। उधर, बिना उनकी जानकारी के प्रशासन ने जमीन पर बुलडोजर चला दिया।
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