
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के लिए प्रधानमंत्री की सुरक्षा चूक का मामला गले की हड्डी बनता जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भटिंडा एयरपोर्ट पर ही प्रधानमंत्री का फिरोजपुर दौरा सड़क मार्ग से निर्धारित हुआ मतलब साफ है कि मतलब साफ है कि सिक्योरिटी एजेंसियों पर आपातकालीन प्रबंध करने का निर्देश दिया गया।
अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे 50 किलोमीटर का दायरा बीएसएफ के प्रशासनिक नियंत्रण में है-PM की सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार की नही बल्कि एसपीजी की होती और SPG सुरक्षा प्राप्त हर व्यक्ति का रूट चार्ट SPG के निगरानी में होता है और पूरे रास्ते मे SPG के लोग अपने हिसाब से सुरक्षा घेरा बनवाते हैं।
- आज फिरोजपुर में जहां किसानों ने रास्ता रोका वह क्षेत्र राज्य सरकार के पुलिस के अंतर्गत आता ही नही क्योंकि मोदी सरकार के “दखलदांजी नीति” के कारण हाल ही में बॉर्डर क्षेत्र के 50 किमी क्षेत्र को BSF के निगरानी में दे दिया गया है और वो रास्ता बॉर्डर के 10 किमी दूरी पर है तो क्या केंद्र सरकार मानती है कि BSF ने PM के सुरक्षा क्षेत्र की निगरानी नही की और यदि ऐसा है तो BSF के मुखिया होने के नाते गृहमंत्री इस्तीफा देंगे ?
- प्रधानमंत्री को हैलीकॉप्टर से 112 किलोमीटर की दूरी तय करनी थी मगर उन्होंने अचानक से कार में जाने का फैसला आखिर किसके सलाह पर लिया और क्या 112 किमी सड़क को बिना पूर्व सूचना के सुरक्षाकर्मियों द्वारा घेर पाना सम्भव है क्योंकि केंद्र सरकार भी जानती है कि पंजाब में किसान मोदी के विरोध में सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
- IB की इंटेलिजेंस कहाँ थी , क्या वो PM के सुरक्षा में होने वाले चूक को पहले नही भांप पाई और यदि IB को पूरे घटना की जानकारी नही हो सकी तो क्या IB के मुखिया के रूप में जिम्मेदारी किसकी ?
- BJP के साथी और मंत्री जो सवाल पंजाब के चन्नी सरकार से कर रही है वो असल मे उन्हें गृहमंत्री से करना चाहिए क्योंकि PM के सुरक्षा में अगर चूक हुआ है तो उसके लिए SPG, BSF और IB जिम्मेदार है और ये तीनो गृहमंत्री के अंतर्गत आता है।
More Stories
प्रयागराज: भूमि विवाद में जिलाधिकारी के हस्तक्षेप पर उच्च न्यायालय ने लगाई रोक: कहा – डीएम मनमानी फैसले कर रहे हैं और भूमाफिया गरीबों की जमीन पर कब्जा कर रहे है
मौलवियों और फकीरों की मदद करेगी योगी सरकार : पुरोहित कल्याण बोर्ड के लाभार्थियों में मौलवी और फकीर भी शामिल
50 वर्ष पूरा करने वाले कर्मचारियों की नौकरी पर मंडराया संकट: जबरन रिटायर करने की तैयारी