
प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि 16 वर्ष की सेवा पूरा करने वाले उत्तर प्रदेश के प्रतीक सिपाही को उपनिरीक्षक के बराबर वेतन दिया जाए।
उच्च न्यायालय ने ऐसे प्रत्येक सिपाहियों को जिन्हें नियमानुसार प्रोन्नति नहीं मिली है उन्हें उपनिरीक्षक रैंक का वेतन देने का आदेश दिया है।
हाईकोर्ट ने 1998 के पहले से नौकरी कर रहे कॉन्सटेबल्स को उनके ट्रेनिंग अवधि की सेवा को जोड़ते हुए दारोगा को मिलने वाला द्वितीय प्रोन्नति वेतनमान ग्रेड पे 4200 रुपए देने को लेकर 8 सप्ताह में आदेश पारित करने का शासन को निर्देश दिया है.
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