
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में ट्रांसफर घोटाले लगातार खुलासे जारी हैं ताजा मामला पशुपालन विभाग का है जहां 30 जून को जो ट्रांसफर की आखिरी तारीख थी 300 से ज्यादा तबादले किए गए आरोप है कि ट्रांसफर रोकने और मलाईदार पोस्टिंग के लिए लगभग ₹50 करोड़ की वसूली की गई।
पशुपालन विभाग के डायरेक्टर इंद्रमणि को इस घोटाले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। तबादले और पोस्टिंग में 10 लाख रुपए से ₹30 लाख तक वसूली की गई। विभाग में 10 वर्ष से 15 वर्ष के बीच कार्यरत लोगों का ट्रांसफर नहीं हुआ है जबकि 2 या 3 वर्ष के कार्यकाल वाले चिकित्सकों का और अधिकारियों का तबादला कर दिया गया।
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कानपुर में स्वीकृत 32 पदों में एक ही बिरादरी के 23 लोगों की पोस्टिंग
डायरेक्टर इंद्रमणि पर इस बात के गंभीर आरोप लगे हैं कि कानपुर में पशु चिकित्सकों के स्वीकृत 32 पदों के सापेक्ष 23 पदों पर एक ही बिरादरी के लोगों की पोस्टिंग कर दी गई है। इस संबंध में अवधभूमि न्यूज़ ने जब डायरेक्टर से बात की तो उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में लगभग 1700 चिकित्सक हैं ऐसे में अगर थोड़ा बहुत हुआ है तो इससे गलत नहीं कहा जा सकता।
माननीय मंत्री और अपर मुख्य सचिव को विश्वास में लेकर किए गए तबादले: डायरेक्टर इंद्रमणि
तबादलों में धांधली के आरोपों पर डायरेक्टर इंद्रमणि ने अवध भूमि न्यूज़ से कहा कि विभाग में जो भी तबादले हुए हैं वह सब माननीय मंत्री जी और प्रमुख सचिव रजनीश दुबे जी को विश्वास में लेकर किया गया।
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