
प्रतापगढ़। शहर के बाबागंज स्थित होटल गोयल रेजिडेंसीमें आज से लगभग 6 साल पहले 19 जून 2015 को रात में लगी रहस्य में आग में 17 लोग मारे गए थे। जांच के दौरान यह तथ्य सामने आया कि सभी कमरे बाहर से लॉक थे और बाहर निकलने का मेन एग्जिट पूरी तरह बंद था जिससे बचाव दल होटल में प्रवेश नहीं कर पाया परिणाम स्वरूप 17 लोग धुंए के गुबार में दम घुटने से तड़प तड़प कर मारे गए। मारे गए लोगों में अमर उजाला के सरकुलेशन मैनेजर मनोज मिश्रा भी थे। मृतक के परिजनों ने होटल प्रबंधन पर जानबूझकर साजिश रचकर मारने का आरोप लगाया था। तत्कालीन जिलाधिकारी ने इस होटल को अवैध मानते हुए ध्वस्त करने का आदेश दिया था बावजूद इसके होटल प्रबंधन के ऊंचे रसूख और प्रभाव के चलते कोई कार्यवाही नहीं हुई और बाद में इस होटल को सत्यम नाम से संचालित करने की अनुमति दे दी गई। कहा जाता है कि उत्तर प्रदेश सरकार में वरिष्ठ आईएएस जितेंद्र कुमार और होटल प्रबंधन के बीच गहरी दोस्ती है जिसका फायदा उठाकर आरोपी होटल प्रबंधक ने शासन प्रशासन का मुंह बंद करने में सफलता प्राप्त की।
हाल फिलहाल आरोपी होटल मालिक भाजपा के जिला व्यापार प्रकोष्ठ का संयोजक भी है
आज इसी मामले में जूनियर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष विनोद पांडे द्वारा दाखिल जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। देखना है हाई कोर्ट कोई कार्यवाही करता है या फिर हमेशा की तरह कोई और तारीख देकर अपने कर्तव्य से इतिश्री कर लेगा।
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