
गोरखपुर। भाजपा के लिए चिंता की एक साथ कई बिंदु उभर कर सामने आए हैं। मुख्यमंत्री के गढ़ में कांग्रेस की बड़ी रैली और उस पर भी समाज के उस तबके की भागीदारी जिसे साधने की भाजपा पुरजोर कोशिश कर रही है। जी हां प्रियंका की रैली में कांग्रेस की सोशल इंजीनियरिंग भी देखने को मिली। गोरखपुर कबीरपंथी और निषाद समाज का दबदबा वाला क्षेत्र है। अगर दलितों की बात की जाए तो यहां बौद्ध समाज सबसे अधिक जागरूक है। जबकि ब्राह्मण समाज भी यहां अपना अच्छा खासा रसूख रखता है।
प्रियंका की रैली में जुटी भीड़ भी ज्यादातर इसी समाज से संबंधित है यदि यह प्रियंका से प्रभावित होकर कांग्रेस से जुड़ता है तो निश्चित रूप से भाजपा के लिए यहां चुनौतियां बढ़ने वाली हैं।
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