कानपुर। योगी सरकार में उपमुख्यमंत्री और तेज तरार चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य महकमे के कैबिनेट मंत्री की उनके अपर मुख्य सचिव और अधिकारी ही नहीं बल्कि नर्स और डॉक्टर भी नहीं सुनते। यह नजारा उस समय देखने को मिला जब औचक निरीक्षण में बृजेश पाठक हैलट हॉस्पिटल पहुंचे। यहां उन्होंने एक मरीज की मदद के लिए डॉक्टर और नर्स को आवाज लगाई लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी। कई बार आवाज लगाने के बाद भी जब उनकी सुनवाई नहीं हुई तो तीमारदार को लेकर वह खुद ही आगे बढ़ गए।
दरअसल हुआ यूं कि चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य महकमे के कैबिनेट मंत्री और उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक आज हैलट हॉस्पिटल के औचक निरीक्षण पर थे इसी दौरान ओपीडी के बाहर मरीजों की भारी भीड़ थी जिसे देखकर वहां वह रुके और प्रशासनिक अधिकारियों डॉक्टर और नर्स को आवाज दी लेकिन कोई भी नहीं आया जिसके बाद वह बीमार मरीज को लेकर खुद ओपीडी की ओर जाने लगे तभी एक नर्स वहां आई जिसको मरीज का पर्चा देते हुए मदद के लिए कहा। यह सब मीडिया की उपस्थिति में हुआ और मंत्री स्वयं को संयमित करने की कोशिश करते रहे लेकिन उनके चेहरे पर तनाव स्पष्ट नजर आया।
उनका वीडियो वायरल होने के बाद लेट तरह-तरह की कमेंट कर रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि यदि कैबिनेट मंत्री की उपस्थिति के बावजूद नर्स और डॉक्टर उनकी नहीं सुन रहे तो आम मरीजों की क्या सुनवाई होती होगी इसका अंदाजा बखूबी लगाया जा सकता है।
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