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3 राज्यों का चुनाव: त्रिपुरा में जैसे तैसे जीती भाजपा: मेघालय में सफाया नागालैंड में भी सीटें कम हुई

नई दिल्ली। नागालैंड मेघालय और त्रिपुरा में भाजपा ने आसान जीत की उम्मीद के साथ चुनाव लड़ा था लेकिन परिणाम बता रहे हैं कि जीतने के लिए उसे पापड़ बेलने पड़े।

त्रिपुरा में 44 से घटकर 32 सीटों पर सिमटी भाजपा:

सबसे ज्यादा नुकसान त्रिपुरा में हुआ जहां पार्टी को करीब 6% वोट और 12 सीटों का नुकसान हुआ वही मेघालय में भाजपा की स्थिति बेहद दयनीय नजर आई और अकेले दम पर चुनाव लड़ने का उसका फैसला शर्मिंदगी का कारण बना भाजपा सभी सीटों पर चुनाव लड़ रही थी लेकिन उसे 3 सीट जीतने में भी नाकों चने चबाने पड़े। नागालैंड में सभी एग्जिट पोल नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव एलायंस जिसमें भाजपा भी शामिल है को 60 में से 55 सीट तक जीता रहे थे लेकिन चुनाव परिणाम बता रहे हैं कि वह 36 सीटों पर सिमट रही है।

कॉन्ग्रेस की त्रिपुरा और भाजपा की मेघालय में दुर्गति:

सीपीएम के साथ चुनाव लड़ने का कांग्रेस का फैसला आत्मघाती साबित हुआ यहां पर उसके नाराज कार्यकर्ता भाजपा की ओर चले गए और कांग्रेस को जीतने के लिए सीपीएम के वोटों का ही सहारा रह गया परिणाम स्वरूप कांग्रेस केवल 3 सीटों पर सिमट गई है जबकि सीपीएम को भी कोई बड़ी कामयाबी नहीं मिलती नजर आई और उसे पिछले चुनाव के मुकाबले भी 2 सीटों का नुकसान हुआ।

टिप्प्रा मोथा नई चुनौती:

पहली बार चुनाव लड़ रही त्रिपुरा मोथा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 20% से अधिक मत हासिल किए इसने भाजपा और कम्युनिस्ट पार्टी रिलायंस को खासा नुकसान पहुंचाया। भाजपा को मैदानी इलाके में यदि अधिक समर्थन नहीं मिला होता तो आज वह सत्ता से बाहर हो जाती। माना जा रहा है कि भविष्य के लिए भाजपा और कम्युनिस्ट दोनों के लिए टिप्प्रा मोथा एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आ रही है।

200 से कम मतों से आधा दर्जन सीटों पर जीती भाजपा

त्रिपुरा में कितना कांटे का मुकाबला हुआ इसे जानने के लिए केवल यह तथ्य ही पर्याप्त है कि 10 से अधिक सीटों पर भाजपा 500 और आधा दर्जन सीटों पर करीब 200 मतों के अंतर से जीती है।

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