
पटना। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा है कि राम से ज़्यादा कर्मठ रावण था और रावण के साथ अन्याय किया गया.
बिहार विधानसभा में बीजेपी विधायकों की ओर से हनुमान चालीसा पढ़े जाने के मामले पर उन्होंने कहा कि ये संसदीय मर्यादाओं के ख़िलाफ़ है.
पत्रकारों के साथ बातचीत में जीतनराम माँझी ने कहा- इस प्रकार का आचरण विधानसभा में नहीं होना चाहिए.
उन्होंने विधानसभा परिसर में धार्मिक आधार पर नारेबाज़ी को भी अनुचित कहा.
हनुमान चालीसा पढ़े जाने को लेकर पत्रकार के एक सवाल पर उन्होंने कहा- कौन कहता है कि रावण राक्षस था. हम तो कहते हैं कि रावण विद्वान था. सचमुच में कर्मठ था और उस पर एक तरह से अन्याय किया गया है.
जीतन राम मांझी ने कहा कि वो राम और रावण सबको काल्पनिक मानते हैं. उन्होंने कहा- अगर कहानी की बात की जाए, तो राम से ज़्यादा कर्मठ रावण था. लेकिन कहानी सब काल्पनिक है.
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