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लोक निर्माण विभाग में भ्रष्टाचार और गंभीर अनियमितता को लेकर जतिन प्रसाद अपने प्रमुख सचिव से खफा: पत्र लिखकर बजट सरेंडर करने और मनमाने ढंग से सड़कों के चौड़ीकरण प्रस्ताव पर मांगा जवाब

लखनऊ। लोक निर्माण विभाग के कैबिनेट मंत्री जतिन प्रसाद अपने विभाग में चल रहे घपले घोटालों और गंभीर अनियमितताओं से काफी नाराज हैं। उन्होंने जनपदों से बड़े पैमाने पर बजट सरेंडर होने की जांच कराई तो कई बड़े खुलासे होने लगे। पता चला कि मनमाने ढंग से 295 सड़कों के चौड़ीकरण का प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया। चौड़ीकरण के लिए भेजी गई सड़कों पर 3000 करोड़ रूपया खर्च होना था। मंत्री ने अपने पत्र में सख्त लहजे में प्रमुख सचिव और विभागाध्यक्ष से पूछा कि किस आधार पर इन सड़कों का चयन किया गया और वित्तीय स्वीकृति के लिए शासन को भेजा गया। मंत्री का पत्र विभागाध्यक्ष कार्यालय में पहुंचते ही हड़कंप मच गया जबकि प्रमुख सचिव भी अभी तक इस पर कुछ भी सफाई नहीं पेश कर पाए हैं।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जनपदों से बजट सरेंडर करने वाले अधिकारियों पर गाज गिरनी तय हैं। कहां जा रहा है कि मंत्री ने बजट सरेंडर करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों के नाम मांगे हैं।

बता दें कि वित्तीय वर्ष 2022 23 के लिए आवंटित बजट का 33% बजट यानी कुल 8914 करोड रुपए सरेंडर करना पड़ा है। केवल चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण मद में ही वित्तीय स्वीकृति प्रस्ताव शासन को प्राप्त हुआ है। चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण के नोडल अफसर चीफ इंजीनियर मनोज श्रीवास्तव हैं जिन पर मुख्यालय में गाज गिरनी तय है।

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