प्रयागराज। आबकारी आयुक्त द्वारा कई जिला आबकारी अधिकारियों की पोस्टिंग ऑफलाइन किए जाने का मामला अभी विवादों में ही है इसी बीच बड़ी संख्या में गोदाम डिस्टलरी अभियोजन और सर्किल में इंस्पेक्टर को मलाईदार पोस्टिंग के लिए बोली शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि पोस्टिंग के लिए कम से कम 1 लाख से लेकर ₹500000 तक डिमांड किया जा रहा है। यदि चर्चाओं पर गौर करें तो यह वसूली कमिश्नर के ही करीबी लोगों द्वारा की जा रही है।
क्यों विवादों में है आबकारी आयुक्त
आबकारी आयुक्त इसलिए भी विवादों में है कि उन्होंने मानव संपदा पोर्टल से ट्रांसफर के बजाय 113 पद रिक्त रखे हैं जिसमें से आगरा सहारनपुर लखनऊ गाजियाबाद जैसे जिलों में मोटी कमाई वाले सर्कल भी शामिल है यहां इंस्पेक्टर की पोस्टिंग के लिए मोटी रकम की डिमांड हो रही है।
सबसे बड़ा सवाल यही पैदा हो रहा है कि उक्त रिक्त पदों की पोस्टिंग मानव संपदा पोर्टल के जरिए क्यों नहीं की गई। चुनाव आयोग और शासन के निर्देश के बावजूद आबकारी आयुक्त ऑफलाइन ट्रांसफर क्यों कर रहे हैं। यदि आबकारी आयुक्त की नियत बिल्कुल पाक साफ है तो उपरोक्त नियुक्तियों को मानव संपदा पोर्टल के जरिए करने से क्यों भाग रहे हैं।
फर्जी वाड़ा करने वाले अधिकारियों को 26 जनवरी को कमिश्नर ने दिया था प्रशस्ति पत्र
शराब माफियाओं के करीबी सुशील मिश्रा, विवादित बांड जरिए गाजियाबाद में जिला आबकारी रहते हुए सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व क्षति पहुंचाने वाले वर्तमान जिला आबकारी अधिकारी लखनऊ, फर्जी ट्रांसफर पोस्टिंग में आबकारी आयुक्त के सहायक राजेश मिश्रा जैसे लोगों को प्रशस्ति पत्र देकर आबकारी आयुक्त ने विभाग में ईमानदार अधिकारियों का मान मर्दन किया।
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