पारदर्शिता का दावा फेल:

लखनऊ। क्या आबकारी विभाग लॉटरी प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है यह सवाल इसलिए उठाया जा रहा है क्योंकि ई लॉटरी की प्रक्रिया एनआईसी कंडक्ट कर रहा है ऐसे में आबकारी विभाग द्वारा अब तक पड़े आवेदनों की संख्या बताना और मिली धनराशि का विवरण देना पूरी प्रक्रिया को संदिग्ध बता रहा है। लॉटरी प्रक्रिया के दौरान आबकारी आयुक्त द्वारा जारी होने वाली विज्ञप्तियां पुरी प्रक्रिया पर ही सवाल उठा रहे हैं।
ऐसी भी जानकारी मिल रही है कि नोएडा गाजियाबाद प्रयागराज कानपुर गोंडा बहराइच वाराणसी जौनपुर अयोध्या में विभाग के अधिकारी लाइसेंसी को यह भी बता रहे हैं की किस दुकान पर फॉर्म कम पड़ रहा है या नहीं पड़ रहा है। इस तरह की चर्चाओं के बाद निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया के दावे पर संदेह के बादल मंडरा रहे हैं। सवाल या उठना है कि जब राज्य सूचना आयोग पूरी प्रक्रिया को संचालित कर रहा है तो उसकी वेबसाइट तक आबकारी विभाग की एक्सेस कैसे बनी हुई है और अगर विभाग के अधिकारियों की राज्य सूचना आयोग की वेबसाइट तक एक्सेस बनी है तो पूरी प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी कैसे मानी जाए। फिलहाल इस तरह की प्रक्रिया से ही तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं।
इससे पहले भी लॉटरी की नकली वेबसाइट की वजह से आबकारी विभाग की काफी फजीहत हुई थी। बताया जा रहा है कि नकली वेबसाइट पर भी करोड़ों रुपए आवेदन कर्ताओं ने जमा कर दिए थे फिलहाल वह वेबसाइट बंद है और पुलिस उसकी जांच कर रही है लेकिन इस वेबसाइट के पीछे कौन है अभी तक इसका खुलासा नहीं हो पाया है।
आबकारी विभाग द्वारा कल जारी विज्ञप्ति इस प्रकार रही
मदिरा एवं भांग की दुकानों हेतु अब तक हुए 137920 आवेदन
आबकारी विभाग को प्रोसेसिंग फीस के रूप में मिले ₹ 720.01 करोड़
Lucknow…
उत्तर प्रदेश में देशी मदिरा, कम्पोजिट शाप, माडल शाप एवं भांग की फुटकर दुकानों की ई-लाटरी के माध्यम से आवंटन हेतु सोमवार 24 फरवरी की सायं तक कुल 137920 आवेदन ऑनलाइन प्राप्त हुए हैं और इससे 729.01 करोड़ रुपये की प्रोसेसिंग फीस भी मिली हैं।यह जानकरी आबकारी आयुक्त, श्री आदर्श सिंह ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि आबकारी नीति वर्ष 2025-26 के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश की समस्त 27,308 देशी मदिरा, कम्पोजिट शाप, माडल शाप एवं भांग की फुटकर दुकानों की ई-लाटरी हेतु पंजीकरण 14 फरवरी, 2025 से शुरू हो चुका है। आज दिनांक 17 फरवरी से पंजीकरण के साथ आवेदन भी आरम्भ हो गये हैं एवं पंजीकरण तथा आवेदन दोनों ही दिनांक 27.02.2025 को सायं 05 बजे तक आनलाइन पोर्टल https://exciseelotteryup.upsdc.gov.in/ पर किए जा सकते हैं। आयुक्त ने बताया कि लाटरी की सम्पूर्ण प्रक्रिया पूर्ण रूप से आनलाइन हैं और आवेदक के लिए समस्त अभिलेख एवं प्रोसेसिंग फीस आनलाइन ही जमा किये जाने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने बताया कि भारत का कोई भी नागरिक जिसकी आयु 21 वर्ष से अधिक है, जो अन्य किसी कारण से अनर्ह नहीं है, वो आवेदन कर सकता है। ई-लाटरी आगामी 06 मार्च, 2025 को खोली जाएगी। पारदर्शी रूप से अनुज्ञापियों का चयन आनलाइन पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा। चयनित अनुज्ञापियों को वर्ष 2026-27 में नवीनीकरण का विकल्प भी उपलब्ध रहेगा।
शराब माफिया उठा सकते हैं फायदा:
कहां जा रहा है कि सभी जिलों में जिला आबकारी अधिकारी लॉटरी की वेबसाइट तक अपनी एक्सेस रखते हैं उन्हें पता रहता है कि किस दुकान पर कितने फॉर्म पड रहे हैं ऐसे में यदि जिला आबकारी अधिकारी और शराब माफियाओं के बीच सेटिंग हो गई तो इसका फायदा शराब माफियाओं को मिल जाएगा क्योंकि उन्हें अच्छी तरह पता होगा कि किस कंपोजिट दुकान पर कितने फॉर्म पड़े हैं। यह सूचना बहुत ही महत्वपूर्ण होती है और बड़े शराब कारोबारी जो दुकान चाहते हैं वह कोई भी कीमत चुकाने को तैयार रहते हैं।
लॉटरी की गोपनीयता पर सवाल:
आबकारी विभाग ने निष्पक्षता पारदर्शिता और गोपनीयता तीनों पर सवाल खड़ा कर दिया है। यदि इंस्पेक्टर और जिला आबकारी अधिकारी के पास वेबसाइट की एक्सेस है तो क्या उसका दुरुपयोग नहीं कर सकते ऐसा क्यों न माना जाए कि उनके शराब कारोबारी से व्यक्तिगत रिश्ते होते हैं और वह उनकी मदद कर सकते हैं ऐसे में पूरी लॉटरी प्रक्रिया एक मजाक बनकर रह जाती है।
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