
नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के बाद एक बार फिर सुरक्षा एजेंसियों की नाकामी या फिर किसी साजिश के रूप में देखा जा रहा है। पहलगाम में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर केंद्र और राज्य सरकार दोनों सवालों के घेरे में है। केंद्र और राज्य सरकार ने वेबसाइट पर दावा किया था कि कश्मीर और खास तौर पर पहलगाम जैसे टूरिस्ट प्लेस पर पूरी तरह शांति है और इलाका आतंकवादियों से खाली है। सरकार पर भरोसा करते हुए हजारों की संख्या में पर्यटक गर्मी की छुट्टी का लुत्फ़ उठाने के लिए पहलगाम में होटल की बुकिंग कराई और अप्रैल के दूसरे हफ्ते में करीब 4000 पर्यटक पहलगाम में कई होटलों में ठहरे थे। खूबसूरत वादियों का नजारा करने के लिए जब पर्यटक सैकड़ो की संख्या में टहल रहे थे तभी पास के जंगल से निकाल कर आये चार आतंकियों ने निहत्थे पर्यटकों पर धुंआधार गोलीबारी शुरू कर दी। यह तांडव करीब 2 घंटे तक जारी रहा। आतंकियों ने ढूंढ ढूंढ कर लोगों को मारा। सबसे हैरानी की बात यह रही कि पहलगाम में आतंकियों का मुकाबला करने के लिए एक भी सुरक्षा कर्मी मौजूद नहीं था। यह भी अपने आप में गंभीर सवाल है कि पहलगाम के आसपास किसी चेक पोस्ट पर भी सुरक्षा कर्मियों की मौजूदगी नहीं थी। कई पीड़ित जो इस घटना में बच गए उन्होंने बताया है कि आतंकी घण्टों तांडव करते रहे और उनकी मदद के लिए पास में ही मौजूद मिलिट्री केंट या पैरामिलिट्री फोर्स तथा राज्य पुलिस सुरक्षा कर कोई भी नहीं आया।
घटनाक्रम पर गौर करने के बाद ऐसा लगता है जैसे 2 से 3 घंटे तक आतंकवादियों को तांडव करने की पूरी छूट मिली हुई थी। लोगों को यह बात गले नहीं उतर रही है कि पहलगाम जैसे आतंक की दृष्टि से संवेदनशील इलाके में एक भी सुरक्षाकर्मी पर्यटकों की सुरक्षा के लिए तैनात क्यों नहीं किया गया था।
यह घटना इस समय और अधिक सस्पेंस पैदा कर रही है जब यह जानकारी दी गई की एक सप्ताह पहले ही पहलगाम में आतंकी हमले को लेकर अलर्ट खुफिया एजेंसी द्वारा जारी किया गया था के बावजूद पहलगाम में सुरक्षा व्यवस्था क्यों नहीं दी गयी। दूसरा सवाल यह है कि हमले का इनपुट होने के बावजूद सेना ने पहलगाम और आसपास काम्बिंग ऑपरेशन क्यों नहीं चलाया। और हम सवाल यह है कि क्या स्थानीय सुरक्षा एजेंसी आतंकवादियों से मिली हुई है और यदि हां तो इस मामले में अभी तक जवाब दे ही क्यों नहीं तय की गई।
घटनाक्रम पर गौर करें तो ऐसा प्रतीत होता है जैसे पर्यटकों को आतंकवादियों के हवाले की साजिश के तहत कर दिया गया। ऐसा करने के पीछे क्या कोई उद्देश्य था और इस साजिश में कौन-कौन शामिल था इसका खुलासा तभी होगा जब इसकी निष्पक्ष जांच होगी।
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