महिला एवं बाल विकास विभाग में खूब उड़ी नियमों की धज्जियां:

लखनऊ ।अनुरोध के आधार पर धन बल पर महिला कल्याण विभाग में 20%सीमा से अधिक हुए ट्रांसफर ट्रांसफर सत्र 2025-26 में महिला कल्याण विभाग अंतर्गत महिला कल्याण मंत्री श्रीमती बेबी रानी मौर्य के कृपा दृष्टि से जिन जिला प्रोबेशन अधिकारियों एवं उपनिदेशको ने अपनी मोटी थैली डायरेक्टर के माध्यम से उच्च स्तर पर पहुंचाई, उनके अनुरोध प्रार्थना पत्रों पर बल देते हुए उन्हें उनके मुंह मांगी पसंदीदा जगहों पर तैनातियां प्रदान की गई इसका उदाहरण यह है कि जनपद लखनऊ में श्री सुधाकर पांडे जो की पूर्व में 15 जून 2018 से 20 जुलाई 2021 की अवधि में 3 वर्ष से ज्यादा समय के रहने के बावजूद भी जनपद वाराणसी के महत्वपूर्ण संवेदनशील जिले में 4 जुलाई 2022 से 3 वर्ष से कम समय तक रहने के पश्चात अपना लखनऊ जिले में ही डीपीओ के पद पर पुनः तैनाती उनके अनुरोध प्रार्थना पत्र पर प्रदान कर दी गई है जबकि स्थानांतरण नीति में यह स्पष्ट प्रावधान है कि कोई भी अधिकारी जिसका किसी भी जिले में न्यूनतम 3 वर्ष से ज्यादा कार्यकाल व्यतीत हो गया है उस जिले में किसी भी दशा में तैनात नहीं किया जाएगा, इसी प्रकार से श्री पंकज कुमार मिश्रा जो की जनपद प्रयागराज में 7 जून 2016 से 10 जुलाई 2023 तक तैनात रहने के बाद जनपद चित्रकूट में 29 अगस्त 2023 से ही कार्यभार ग्रहण किए थे अभी उनको जनपद चित्रकूट में मात्र 2 वर्ष भी व्यतीत नहीं हुए थे फिर भी अनुरोध के आधार पर उनको अति संवेदनशील जिले वाराणसी में इसी 15 जून 2025 को निदेशक महिला कल्याण श्रीमती संदीप कौर ने माननीय मंत्री जी के निर्देशों के क्रम में स्थानांतरण नीति का अतिक्रमण करते हुए तैनाती प्रदान कर दी है इसी प्रकार से मोहम्मद मुमताज जिनकी पत्नी जनपद प्रयागराज में बेसिक शिक्षा परिषद में तैनात है फिर भी उनके अनुरोध प्रार्थना पत्र को दरकिनार करते हुए उन्हें दूरस्थ 500 किलोमीटर श्रावस्ती जनपद में तैनाती प्रदान की गई है, इसी प्रकार श्री अमरेंद्र कुमार प्रोत्सायन जिनके विरुद्ध जनपद सोनभद्र में 17 लाख की वसूली जिला अधिकारी सोनभद्र ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना में किए जाने हेतु शासन एवं निदेशालय को पत्र प्रेषित किए थे परंतु उनको पुरस्कार स्वरूप उनके अनुरोध प्रार्थना पत्र पर संस्था युक्त डीपीओ बलिया के पद पर स्थानांतरण लिस्ट में तैनाती प्रदान कर दी गई है इसी प्रकार से श्री अजय पाल सिंह जो की डीपीओ आगरा 10 जुलाई 2023 से ही तैनात थे अभी उनको जनपद आगरा में मात्र 2 साल भी नहीं हुए होंगे फिर भी उनको जनहित दिखाकर जनपद एटा में तैनात कर दिया गया ऐसे ही एक स्थानांतरण श्री सूरज सिंह जो की इटावा में जिनकी पत्नी नायब तहसीलदार के पद पर इटावा में ही तैनात है फिर भी इनका स्थानांतरण सुश्री पल्लवी सिंह के स्थान पर जनपद बाराबंकी में कर दिया गया है जबकि पल्लवी सिंह को जनपद बाराबंकी से दूरस्थ उनके अनुरोध के बावजूद प्रशासनिक आधार पर कासगंज में एक जाति विशेष से मंत्री जी की पुरानी चिढ़न के कारण स्थानांतरित कर दिया गया है ,ऐसे ही एक आश्चर्यजनक लिस्ट से पृथक स्थानांतरण अनुपम यादव जो की बस्ती में 14 जून 2021 से 23 दिसंबर 2023 तक तैनात थी परंतु उनके विरुद्ध तमाम शिकायतों को देखते हुए तत्कालीन प्रमुख सचिव ने उन्हें मुख्यालय से संबद्ध किया था परंतु उनका स्थानांतरण मेरठ जनपद में जहां की संवेदनशील चार राजकीय संस्थाएं महत्वपूर्ण है उसे महत्वपूर्ण मंडलीय जनपद में कर दिया गया है यह भी एक चिंतनीय तथ्य है कि पता नहीं इनके द्वारा मेरठ जनपद को संभाल पाएंगे अथवा नहीं क्योंकि इनकी जनपद बस्ती में ही तैनाती के दौरान तमाम शिकायतें प्राप्त होती रही निदेशालय के सूत्रों ने बताया है कि उनके पति नोएडा में संभवत: तैनात है ,तो जनपद नोएडा भी रिक्त चल रहा था परंतु नोएडा को अतिरिक्त चार्ज के रूप में गाजियाबाद के जिला प्रोबेसन अधिकारी के पास ही इस स्थानांतरण नीति में माननीय मंत्री जी के खाश होने के नाते सुरक्षित रखा गया है !
अब एक नजर समूह क के उपनिदेशक पदों पर हुए स्थानांतरण पर डालने की आवश्यकता है, निदेशालय महिला कल्याण में उपनिदेशक के एक पद एवं उपमुख्य परिवीक्षा अधिकारी के मात्र एक पद ही सृजित है फिर भी एक पद के सापेक्ष निदेशालय महिला कल्याण में अनु सिंह 4 जुलाई 2016 से 9 वर्ष से अनुरोध पर,श्री निरंजन 13 जुलाई 2017 से आज तक,श्री पुनीत कुमार मिश्रा 30 जून 2016 से आज की तिथि तक एवं नीता अहिरवार 27 नवंबर 2024 से अभी तक ,श्री ओमकार 13 जुलाई 2023 से अब तक एवं श्री आशुतोष प्रयागराज मंडल के साथ-साथ निदेशालय में भी संबंध किए गए हैं इसके अतिरिक्त श्री नीलम वर्मा, श्री शैलेंद्र यादव एवं श्री जयदीप भी इस स्थानांतरण सत्र में डीपीओ मुख्यालय के रूप में संबंधता प्रदान की गई है आश्चर्यजनक रूप से यहां यह तथ्य संज्ञान में आया है की श्री पुनीत कुमार मिश्रा जिनके विरुद्ध तमाम कैबिनेट मंत्रियों द्वारा वित्तीय भ्रष्टाचार की शिकायतें स्टेट डाटा मैनेजमेंट सेंटर आदि से संबंधित प्राप्त हुई है फिर भी श्री पुनीत कुमार मिश्रा को निदेशक महिला कल्याण एवं मंत्री महिला कल्याण बेबी रानी मौर्य के नाक के बाल होने के नाते इनको पहले महत्वपूर्ण मंडल मेरठ मेरठ में 14 जून 2025 को तैनाती प्रदान की गई पुन:15 जून 2025 को श्री पुनीत मिश्रा को अतिरिक्त चार्ज के रूप में कानपुर मंडल का भी प्रभार प्रदान कर दिया गया जबकि यह पूर्व में भी 3 वर्षों तक अतिरिक्त प्रभार के रूप में कानपुर मंडल को मुख्यालय के साथ-साथ देखे हैं आश्चर्यजनक पहलू यह भी है कि मेरठ मंडल से कानपुर मंडल की दूरी लगभग 400 किलोमीटर की दूर है फिर भी एक समय में उनके द्वारा कैसे प्रत्येक माह दोनों मंडल में जहां की संस्थाओं की बहुलता है मासिक निरीक्षण किए जा सकेंगे? जबकि उनके द्वारा इन्हीं के कार्यकाल में राजकीय संस्थानों में माननीय उच्च न्यायालय ने संस्थाओं की हालत जेलों से भी बदतर होने को बताया था फिर भी इनको मेरठ मंडल के साथ कानपुर की भी संबद्धता प्रदान करना माननीय मंत्री की कृपा दिखाई देती है! श्री पुनीत मिश्रा के कानपुर मंडल की तैनाती के हवाले से सूत्रों ने अवगत कराया है कि प्राप्त जानकारी से यह ज्ञात हुआ है कि उनकी पत्नी कानपुर में कहीं तैनात है, महत्वपूर्ण तथ्य है कि मानव संपदा पोर्टल पर इन्होंने स्वयं अपनी पत्नी के बारे में यह अंकित किया है कि वह ‘no गवर्नमेंट जॉब’ में है तो फिर नीति में मात्र सरकारी दंपति के लिए ही यह प्राथमिकता स्थानांतरण हेतु प्राप्त होती है यह भी एक महत्वपूर्ण सवाल पूरी व्यवस्था एवं सिस्टम को घेरे में ले आती है इसी प्रकार से प्रवीण कुमार त्रिपाठी जिनको अभी 6 माह पूर्व ही उनके विरुद्ध गंभीर वित्तीय शिकायतें प्राप्त होने पर महिला कल्याण निगम के GM के पद से तत्काल प्रभाव से माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय से हटाया गया था फिर भी माननीय मंत्री जी की कृपा की दृष्टि से बिना उनकी जांच पूर्ण हुए बिना आरोप मुक्त हुए इनको पुनः लखनऊ मंडल के साथ-साथ श्री प्रवीण कुमार त्रिपाठी को GM का अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया गया इसी प्रकार से श्री बृजेंद्र निरंजन जो की जनपद लखनऊ एवं निदेशालय महिला कल्याण की तैनाती के दौरान वहीं के कार्यों को लेकर निलंबित किए गए थे परंतु फिर भी निदेशक ने इनको बिना उनकी जांच करवाई पूर्ण हुए निदेशालय महिला कल्याण में संबंधता प्रदान कर दी गई है अपित बिना उनकी जांच पूर्ण हुए उनकी जांच को प्रभावित करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है इसी प्रकार से श्री पुष्पेंद्र को चित्रकूट मंडल से लखनऊ महिला कल्याण निदेशालय में उपमुख्य परिवीक्षा अधिकारी मुख्यालय के पद पर तैनात किया गया है जबकि इस पद पर पूर्व से ही श्रीमती नीता अहिरवार शासन के ही पूर्व आदेश से उप मुख्य परीक्षा अधिकारी मुख्यालय के पद पर तैनात है आश्चर्य की बात यह है कि एक ही पद पर दो अधिकारियों की शासन द्वारा तैनाती किन परिस्थितियों में कर दी गई है, यह भी जांच एवं संदिग्ता के दायरे में है यही नहीं सिर्फ, पुष्पेंद्र की पत्नी बांदा जिले में डीपीओ के पद पर तैनात है परंतु उनके अनुरोध को माननीय मंत्री जी ने कोई तवज्जो न देकर के पति से दूर ढाई सौ किलोमीटर बांदा में ही बनाए रखा गया है इसी प्रकार से 15 जून को श्री ओमकार की तैनाती मेरठ मंडल से समाप्त करते हुए सम्वधता लखनऊ मुख्यालय में कर दी गई है जबकि लखनऊ मुख्यालय में मात्र एक ही उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी का पद है, यह न केवल एक हास्यापद एवं शर्मनाक स्थिति है कि मुख्यालय में मात्र एक सृजित पद के सापेक्ष विभाग के 6-6 समूह क के अधिकारी मुख्यालय में संबंध है अपितु विगत 3 वर्षों से निदेशक महिला कल्याण कैडर रिव्यू की पत्रावली माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश एवम तत्कालीन प्रमुख सचिव के एफिडेविट के बावजूद भी उस पत्रावली को दबाए रखी हुई है और इसके दबाने में एकमात्र कारण यह निकलकर सामने आ रहा है कि श्री पुनीत मिश्रा उनको एन केन प्रकारेण मुख्यालय में रहकर कोई ना कोई लाभ चाहे वह स्टेट डाटा मैनेजमेंट सेंटर में हो अथवा कैसवर्कर के माध्यम से उनकी तैनाती में आदि में प्रलोभन का हो इसी कारण से श्री मिश्रा का वर्चस्व बना रहे तभी कैडर रिव्यू के प्रकरण को ठंडे बस्ते में निदेशक महिला कल्याण ने डाल दिया है? इसी प्रकार आयुक्त मुरादाबाद मंडल की शिकायत के बावजूद 8 साल से जमे श्री राजेश चंद्र गुप्ता पर मंत्री जी की मेहरबानी फिर साबित हुई है उन्हें पुनः नहीं हटाया गया साथ ही तमाम डिप्टी एवम डीपीओ के प्रार्थना अनुरोध पत्रों की मंत्री जी ने कूडे की बाल्टी में फिका दिए .मुख्यमंत्री जी जिस प्रकार से अन्य विभागों में एसटीएफ एवं S.I.T. से स्थानांतरण की जांच हेतु निर्देश दिए हैं इस प्रकार से महिला कल्याण विभाग में भी गहन जांच कराए जाने की आवश्यकता है.
निदेशक महिला कल्याण संदीप कौर की भूमिका जाँच के दायरे में-
जिस प्रकार से स्थानांतरण नीति के नियमों का अतिक्रमण महिला कल्याण विभाग में हुआ है ,श्री प्रवीण कुमार त्रिपाठी,बृजेंद्र निरंजन की पुन:संबद्धता,नीता अहिरवार को 1 वर्ष से बिना कार्य वितरण के बनाये रखना,श्री सुधाकर की पुन:लखनऊ में तैनाती,श्री पंकज मिश्रा का अल्प कार्यकाल 2varsh से कम मे चित्रकुट सेहटाकर वाराणसी करना आदि मा.मुख्यमंत्री जी के zero tolerate नीति पर कुठाराघात है.


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