प्रयागराज। पूरे उत्तर प्रदेश में ओवर रेटिंग और डाइल्यूशन तथा अवैध शराब की बिक्री और उत्पादन से विभाग के अधिकारियों के जहां करोड़ों रुपए मिल रहा है वहीं सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व की हानि हो रही है लेकिन इसकी चिंता विभाग के अधिकारियों का नहीं है।
ओवर रेटिंग डाइल्यूशन और अवैध शराब की बिक्री और उत्पादन जैसी अवैध गतिविधियों को रोकने की जिम्मेदारी जिम जैनेंद्र उपाध्याय पर है वह खुद जिले के आला अधिकारियों पर शराब तस्करी और अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देने का दबाव बनाए रहते हैं। कहा तो यहां तक जा रहा है कि शराब माफियाओं की सीधी सेटिंग से हो गई है। जो भी शराब माफिया या लाइसेंसी जैनेंद्र उपाध्याय के संपर्क में है यदि उन पर विभाग का कोई अधिकारी हाथ डालता है तो इआईबी जैनेंद्र उपाध्याय उसके खिलाफ फर्जी शिकायतें करवा कर अधिकारियों और इंस्पेक्टर को चार्ज शीट दिलवा देते हैं।
जॉइंट इआईबी पर आरोप है कि फूलपुर हंडिया प्रतापगढ़ जौनपुर कानपुर झांसी देवरिया आदि जिलों में अवैध डिस्टलरी इनके संरक्षण में चलाई जा रही है जहां से प्रतिमाह करोड़ों की वसूली हो रही है। यह प्रकरण कमिश्नर सेंथिल पांडियन की जानकारी में है लेकिन किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं जा रही है। कार्रवाई तो दूर जॉइंट कमिश्नर जैनेंद्र उपाध्याय जैसा महा भ्रष्ट अधिकारी कमिश्नर की नाक के बाल बने हुए है।
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