लखनऊ। उत्तर प्रदेश के आबकारी महकमें में जो भी हो जाए वही कम है। पूर्व प्रमुख सचिव संजय बोस रेड्डी और कमिश्नर सेंथिल पांडियन सी की कृपा से एक फर्जी जॉइंट डायरेक्टर स्टैटिक नामक अधिकारी आबकारी महकमें में मौजूद है जिसके माध्यम से करोड़ों के वारे न्यारे हो रहे हैं। इसका नाम जोगिंदर सिंह बताया जा रहा है। इस अधिकारी के बारे में जब जांच पड़ताल की गई तो पाया गया कि इसकी नियुक्ति आबकारी विभाग में संख्या अधिकारी के रूप में की गई थी। विभागीय पदों की जो अधिकृत सूची है उसमें संख्या अधिकारी के अतिरिक्त और कोई पद नहीं है बावजूद पूर्व प्रमुख सचिव संजय भूस रेड्डी और कमिश्नर सेंथिल पांडियन सी ने इसके सहारे करोड़ों रुपए का खेल किया।
फर्जी अधिकारी जारी करता है आबकारी विभाग के आंकड़े
सबसे ज्यादा शर्मनाक बात यह है कि यही फर्जी अधिकारी आबकारी महकमें का आंकड़ा जारी करता है। इसका तथाकथित तौर पर काम आंकड़े जुटाना का है लेकिन कमिश्नर ने इसे तमाम परचेसिंग कमेटियों का अध्यक्ष भी बना रखा है। विभाग की सभी करे समितियां का यही अध्यक्ष है और कमीशन खोरी करके अपना और उच्च अधिकारियों का खजाना भरता है।
विभाग को लग रहा चुना:
विभागीय आंकड़ों में जॉइंट डायरेक्टर स्टैटिक का कोई पद नहीं है बावजूद इसके इस पद का स्वीकृत वेतनमान कैसे मिला हुआ है यह बहुत बड़े रहस्य और हैरानी का विषय है। विभाग के कार्मिक विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि विभाग में केवल जिला संख्या अधिकारी का ही पोस्ट सांख्यिकी विभाग द्वारा अनुमोदित है लेकिन डॉक्टर जोगिंदर सिंह को जॉइंट डायरेक्टर स्टैटिक जो की ज्वाइंट कमिश्नर रैंक के वेतनमान के समान है उसका वेतन कैसे मिल रहा है इसको लेकर विभाग में चुप्पी है।
लोकायुक्त में शिकायत की तैयारी:
विवादित डॉक्टर जोगिंदर सिंह के भ्रष्टाचार और उसके कारनामों को लेकर कुछ समाजसेवी और एक्टिविस्ट लोकायुक्त में जाने की तैयारी कर रहे हैं।
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