नई दिल्ली। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार से अपने गंभीर मतभेद के चलते चुनाव आयुक्त अरुण गोयल मैं इस्तीफा दे दिया है उनके इस्तीफे का कारण दो तारीखों – 5 मार्च और 8 मार्च को हुई बैठकों को माना जा रहा है.
चुनाव आयुक्त अरुण गोयल का रिटायर्मेंट 2027 तक था. ऐसे में लोकसभा चुनाव से पहले उनके इस्तीफे से कई सवाल खड़े हो रहे हैं.
सूत्रों के अनुसार गत 5 मार्च को अरुण गोयल चुनाव की तैयारियों को लेकर पश्चिम बंगाल के दौरे पर गये थे. लेकिन स्वास्थ्य का हवाला देते हुए अपना दौरा छोड़कर दिल्ली लौट आये थे. लेकिन उन्होंने 8 मार्च को केन्द्रीय गृह सचिव अजय भल्ला के साथ हुई बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के साथ भाग लिया था. ये बैठक चुनावों में केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बलों (CAPF) की तैनाती को लेकर हुई थी. माना जा रहा है कि पश्चिम बंगाल में अर्धसैनिक बलों की तैनाती को लेकर अरुण गोयल के मुख्य चुनाव आयुक्त से मतभेद थे…
लोकसभा चुनाव से कुछ दिनों पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनका इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया है.
लोकसभा चुनाव संचालन को लेकर अब आयोग के समक्ष एक नया संकट पैदा हो गया है. निर्वाचन आयोग में पहले से ही चुनाव आयुक्त का एक पद खाली था. अभी कुछ रोज पहले ही चुनाव आयुक्त अनूप पांडे रिटायर हुए थे. पांडे का रिटायरमेंट 15 फरवरी को हुआ था. अरुण गोयल के इस्तीफे के बाद आयोग में अब केवल चीफ इलेक्शन कमिश्नर (CEC) राजीव कुमार ही रह गए हैं. आपको बता दें कि निर्वाचन आयोग में चीफ इलेक्शन कमिश्नर के अलावा दो और इलेक्शन कमिश्नर होते हैं.
कानून मंत्रालय ने क्या बताया ?
केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्रालय की ओर से अरुण गोयल के इस्तीफे को लेकर
शनिवार, 9 मार्च को जानकारी दी गई.
एक गजट अधिसूचना में कहा गया, ‘राष्ट्रपति ने चुनाव आयुक्त अरुण गोयल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है, जो 09 मार्च, 2024 से प्रभावी माना जाएगा’…
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