शासन की प्रेस विज्ञप्ति जारी होने के बावजूद सहायक आबकारी आयुक्त को नहीं किया गया निलंबित:
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लखनऊ। आबकारी विभाग में इस समय अराजकता और अनियमितता चरम पर है। हालात इतने खराब हो गए हैं कि विभागीय मंत्री के आदेश का भी अनुपालन नहीं हो रहा है।
स्टार लाइट डिस्टलरी गोंडा में तैनात रहे सहायक आबकारी आयुक्त राम प्रीत चौहान को लाखों लीटर ईएनए के गबन में दोषी मानते हुए आबकारी विभाग के मंत्री नितिन अग्रवाल के निर्देश पर निलंबित करने की प्रेस विज्ञप्ति जारी हुई लेकिन कमिश्नर और शासन में बैठे लोगों की मंशा कुछ और ही थी। जानकारी मिली है कि रामप्रीत चौहान को सस्पेंड करने का शासनादेश कभी जारी ही नहीं किया गया।
उत्तर प्रदेश के आबकारी एवं मद्यनिषेध राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल के निर्देश पर सहायक आबकारी आयुक्त रामप्रीत चौहान को गंभीर अनियमितता में प्रथम दृष्टया लिप्त पाये जाने पर तात्कालिक प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। प्रकरण की जांच हेतु विशेष सचिव आबकारी दिव्य प्रकाश गिरि को जाँच अधिकारी नामित किया गया है।
3 जनवरी को मंत्री नितिन अग्रवाल के आदेश के बावजूद आरोपी रामप्रीत चौहान को कभी सस्पेंड ही नहीं किया गया जबकि विभिन्न समाचार पत्रों में रामप्रीत चौहान के सस्पेंशन की खबर आबकारी विभाग की ओर से ही जारी विज्ञप्ति के आधार पर छापी गई।
कहां जा रहा है कि इस खेल में आबकारी विभाग के आयुक्त और शासन में इस प्रकरण की जांच करने वाले विशेष सचिव दिव्य प्रकाश गिरी शामिल है।
बस्ती के रुदौली स्थित बजाज की चीनी मिल डिस्टलरी में तैनात सहायक आबकारी आयुक्त राम प्रीत चौहान की एक रिपोर्ट जो 11 जनवरी 2025 को जारी हुई है सामने आने के बाद या खुलासा हुआ है कि रामप्रीत चौहान के सस्पेंशन का आदेश कभी जारी नहीं हुआ और मंत्री नितिन अग्रवाल के आदेश का पालन ही नहीं किया गया।
कथित रूप से 3 जनवरी को निलंबित सहायक आबकारी आयुक्त रामप्रीत चौहान द्वारा रुदौली बस्ती स्थित बजाज चीनी मिल डिस्टलरी द्वारा विक्रय किए गए ईएनए का आंकड़ा: यह आंकड़ा 11 जनवरी 2025 को जारी हुआ।
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